Sunday, May 31, 2020

भुवनेश्वरी युक्त लक्ष्मी साधना







भुवनेश्वरी युक्त लक्ष्मी साधना


यह धन प्राप्ति की सबसे महत्वपूर्ण साधना है,जिनके पास नौकरी नहीं,जिन्हे प्रमोशन नहीं मिल रहा है,जिंनका व्यापार नहीं चलता,जिनके घर मे आर्थिक बाधाये कुछ ज्यादा ही है,ज्यो व्यक्ति जीवन मे सिर्फ मेहनत करते है परंतु धन नहीं मिल रहा है॰

तो अब चिंता करने का कोई बात नहीं,येसा हो ही नहीं सकता है के आप यह साधना करो और आपके जीवन मे किसी भी प्रकार का आर्थिक समस्या रहे,मै तो कहेता हु भगादो आप अब इस समस्या को.........

साधना विधान:-

यह साधना संकष्ठ शुभ अवसर पे करनी है, आपके पास भुवनेश्वरी यंत्र हो तो अच्छी बात है,अगर नहीं हो तो हमे इस यंत्र को भोजपत्र पे बनाना पड़ेगा,भोजपत्र नहीं मिला तो फिर क्या करेगे,चलो कोई बात नहीं,सफ़ेद रंग के कागज पे यह यंत्र हम अनार की कलम और केसर की स्याही से तो अंकित कर लेगे॰ 

अब हमे चाहिए रुद्राक्ष माला और रुद्राक्ष माला को गुरुवार के दिन श्याम को शिवजी के मंदिर ले जाना है,वहा पे शिवजी को माला चढानी है और फिर शिवजी के सँग माला का भी अभिषेक करना है “ॐ ह्रीं शिवाय तेजसे नम:” 108 बार बोलते हुये,अब तो शिवजी की कृपा और आज्ञा भी मिल गयी मतलब अब सफलता जरूर मिलेगी,हम्म............

अब वही पे माला का पूजन करे और दूसरे दिन फिर एक बार माला का पूजन करके मंत्र जाप रात्री मे १० बजे शुरू करना है,इतनी तेजस्वी माला से हम कम से कम 11 माला मंत्र जाप तो रोज कर सकते है,ये साधना 11  दिन की है और निच्छित ही हमे सफलता तो मिलेगी ही,सिर्फ 11 दिन की साधना से,12 वे दिन आप सभी सामग्री रखकर जल मे विसर्जित करदे और माला से नित्य 1 माला गुरुमंत्र का जाप किया करो,

भुवनेश्वरी महामंत्र साधना

विनियोग:-

ॐ अस्य श्री भुवनेश्वरी हृदय महामंत्रस्य श्री शत्तील: ऋषी : । गायत्री छन्दा:। श्री भुवनेश्वरी देवता हं बीजं । ईं शक्ति:। रं कीलकं । सकल-मनोवांछित सिद्यर्थे जपे विनियोग: ।  

ऋष्यादी न्यास

श्री शक्ति ऋषये नम: शिरसी ।
गायत्री छन्दसे नम: मुखे ।
श्री भुवनेश्वरी देवतायै नम हृदयी ।
हं बीजाय नम: गुहये।
ईं शक्तये नम: नाभौ ।
रं किलकाय नम: पादयौ: ।
सकल-मनोवांछित सिद्यर्थे जपे विनियोगाय नम: सर्वागे ।

ध्यान

सरोजनयनां चलत कनक कुंडलां शैशवीं ,
धनुर्जप वटी करामुदित सूर्य कोटी प्रभाम ।
शशांक कृत शेखरां शव शरीर संस्था शिवाम,
प्रात: स्मरामी भुवनेश्वरी शत्रु गति स्तम्भनीम ॥

महामंत्र:-

॥ ॐ श्रीं ॐ श्रीं ह्रीं ऐं ह्रीं ऐं क्लीं सौ: क्लीं सौ: क्रीं क्रीं ह्रीं भुवनेश्वर्यै नम: ॥

यह मंत्र रंक को भी राजा बनाने युक्त क्षमतावान है,कृपया इस साधना को किसी भी प्रकार से मज़ाक मे ना ले,एक बार साधना सम्पन्न कर लीजिये,नौकरी भी मिलेगा,पैसा भी खूप कमाओगे,जितना भी कर्जा हो आप कर्ज से मुक्त भी हो जाओगे.......

अभी तक जितनी भी लक्ष्मी साधना आपने की है,उन्हे भूल जाओ क्यूकी यह साधना अत्याधिक तीव्र है,साधना कराते समय पायल खनक ने की आवाज आ सकती है

ये साधना मै एक बार फेसबूक पे दे चुका हु और इसका रिज़ल्ट साधकोको 100% मिला है

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।



विशेष -

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महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

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(रजि.)

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