Friday, May 29, 2020

कर्ण पिशाचिनी भविष्य नहीं देख सकती






कर्ण पिशाचिनी भविष्य नहीं देख सकती


  आज के वैज्ञानिक युग में भूत-प्रेत और पारलौकिक शक्तियों से जुड़ी घटनाओं पर कोई विश्वास नहीं करता.

 ऐसी घटनाओं के पीछे विज्ञान और तर्क ज्ञान को आधार बताकर भले ही ऊपरी तौर पर इनके पीछे छिपी काली सच्चाई से पल्ला झाड़ लिया जाता हो लेकिन हकीकत टालना या उसे नजरअंदाज करना उतना ही फिजूल है, जितना देखी हुई को अनदेखा कर देना.

क्या आपका सामना किसी ऐसे इंसान से हुआ है जिसने पहली ही मुलाकात में आपको वो सब बता दिया हो जिसे आप या आपके करीबी लोग जानते हैं? 

आपके घर में कितने लोग हैं, कौन क्या-क्या करता है, आपकी किससे बनती है और कौन आपका दुश्मन है, यह सब आपको उस व्यक्ति ने सिर्फ आपका चेहरा देखकर ही बता दिया हो?

अगर वास्तव में आपका ऐसे किसी भी व्यक्ति से सामना हुआ है तो उसकी इस जानकारी के चलते आपको लगा होगा या तो वो कोई धोखेबाज है या फिर वह कोई महान सिद्ध पुरुष है.

 अगर उस व्यक्ति के लिए आपके भीतर ऐसी धारणा आई है तो हम आपको बता दें कि उस व्यक्ति के पास वो शक्ति है जो उसे दुनिया की कोई भी जानकारी एक क्षण में प्रदान कर सकती है. यह तंत्र साधना का वो कमाल है जिसे कड़ी सिद्धि द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.

कर्ण पिशाचिनी सिद्धि, यह वो तंत्र विद्या है जिसमें आपके हर सवाल का जवाब एक अलौकिक ताकत आपके कान में आकर दे जाती है, वह जवाब सिर्फ आपको ही सुनाई देता है. 

इस विद्या को कर्ण पिशाचिनी विद्या के अलावा पिशाच विद्या या नेक्रेमेंसी भी कहा जाता है. इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद आप अलौकिक ताकतों से जब चाहे संपर्क साध सकते हैं.

यह साधना बेहद कठिन है लेकिन अगर एक बार इस सिद्धि को प्राप्त कर लिया जाए तो आप अपने मरे हुए परिजनों, जिनकी आत्माएं भटक रही हैं, से जब चाहे बात कर सकते हैं.

इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद साधक वशीकरण एवं पाश मंत्र के जरिए एक प्रेतनी का स्वामी बन जाता है और वह प्रेतनी से हर जानकारी पल भर में उगलवा सकता है. वह प्रेतनी उस साधक के कान में ही वास करती है इसीलिए उसे कर्ण पिशाचिनी कहा जाता है.

यह प्रेतनी उस साधक को आपके बारे में हर उस घटना से रूबरू करवा सकती है, जो या तो आपके साथ हो चुकी है या तो वर्तमान में हो रही है क्योंकि कर्ण पिशाचिनी भविष्य नहीं बता सकती. उसकी पहुंच सिर्फ अतीत और वर्तमान तक ही होती है.

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

रजि 

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