Sunday, May 10, 2020

पुष्पदेहा अप्सरा साधना






पुष्पदेहा अप्सरा साधना


किसी भी शुक्रबार से प्रारंभ कर अगले १४ दिनों तक की साधना है ( कुल १५ दिन की )... इसमें पुष्पदेहा अप्सरा यन्त्र और पुष्पदेहा अप्सरा माला प्रयोग मे लानी चाहिए!

 उत्तम वस्त्र पहनने चाहिए एवं दिशा उत्तर मुख होनी चाहिए ! मंत्र जप के समय शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए उसमे कुछ इत्र की बूंदे भी डाल दें ! साधना का समय और स्थान बदलना नहीं चाहिए! स्थान साफ़ सुथरा और सुसजित होना चाहिए !

यह रात्रि कालीन साधना है अतः १० बजे के बाद ही प्रारंभ करे ! यन्त्र एवं माला का कुमकुम अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें और निम्न मंत्र का १५ दिन तक ५ माला जप करें!

!! ॐ ह्रीं पुष्पदेहा आगच्छ प्रत्यक्षं भव ॐ फट !!

मंत्र जप के बाद हो सके तो वहीँ पर विश्राम करें ! १५ दिन के बाद यन्त्र और माला को किसी पवित्र नदी या सरोवर या देवालय मे विसर्जित कर दें !

साधना काल मे गुरु मंत्र और गुरु पर पूर्ण विशवास रखें

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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