सिद्ध मंगल वार के अचूक प्रयोग ................
आज कल के इस प्रतियोगी युग में एक होड़ सी मची हे हर कोई सफल होना चाहता हे पर हो नहीं पाता हे हर तरफ आस्तीन के सांप फन फैलाये खड़े हे कौन अपना पराया यह समझ नहीं आता किस से छुपाये राज और किस पे जाहिर करे .............
ऐसे में यदि समय अनुकूल ना हो तो और भी मुश्किलें बढ़ जाती हे ...
चाहे हे आपको शनि की दशा हो ...केतु की दशा हो या राहू की या जन्म पत्रिका में कोई भी अनिष्ट योग हो ...किसी भी कारण आप परेशान हो रहे हे और कुछ समझ नहीं आ रहा हे ऐसे में दिये जा रहे प्रयोग यदि आप पूर्ण निष्ठा के साथ दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए करेंगे तो अपने आप में एक अलग ही राहत की अनुभूति होगी .....
इन प्रयोग से शत्रु शमन ...चाहे वो गुप्त हो या ज्ञात हो ...प्रतियोगी से कष्ट हो तो निवारण ...कर्ज से मुक्ति .....आर्थिक समृद्धि ....राज्य से लाभ ...विद्यार्थियों को शैक्षणिक सफलता ..कोई किया कराया या तंत्र ...बाधा से मुक्ति ...यदि वास्तु में कोई अदृश्य नकारात्मक शक्ति या उर्जा हे तो उसका निदान भी संभव हे ..यही नहीं ....शारीरिक रोग विशेष जटिल रोगों से भी मुक्ति संभव हे ..और चमत्कारी मोहिनी आभा मंडल का विस्तार ...होता ....हे ...
प्रयोग ये हे...
चैत्र शुक्ल पक्ष या किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के मंगलवार से उस दिन यदि चतुर्थी या एकादशी हो तो अतिउत्तम से ये प्रयोग आरम्भ किये जाना श्रेयस्कर हे ....
१. किसी प्राचीन या प्राण प्रतिष्ठित हनुमान मंदिर जिस पर पीपल के वृक्ष की छाँव आती हो एवं हनुमान जी के सम्मुख शिव लिंग स्थापित हो ऐसे मंदिर में यदि मूर्ति पूर्व या उत्तर मुखी तो अति उत्तम या पश्चिम मुखी उत्तम ...दक्षिण मुखी भी श्रेष्ठ हे पर उसमे नियम व शुद्धि का कड़क पालन एक अनिवार्य शर्त हे ....
नित्य प्रति एक रक्त वर्ण पुष्प विशेष गुलाब हनुमान जी के चरणों में ....एक शिव लिंग पर और एक पीपल की जड़ में अर्पण करना हे ...
इसके साथ ही एक एक खडी बत्ती(फूल बत्ती)का दीपक सरसों के तेल का लगाना हे उपरोक्त तीनो जगह
इसमें पितृ दोष हेतु ..
तेल में काले तील थोड़े से मिलाना हे ...यदि शनि की पीड़ा हे तो काले उड़द थोड़े से और शत्रु बाधा या अज्ञात शत्रु बाधा हेतु काली राई और एक जोड़ा लोंग रख सकते हे ...यदि सर्व बाधा निवारण चाहिए तो उपरोक्त समस्त सामग्री थोड़ी थोड़ी मिला ले ...
इससे शत्रु शमन ..अज्ञात भय मुक्ति व शत्रु सम्मोहन सहज होता हे ..
२.प्रेत बाधा, तंत्र बाधा मुक्ति ,अज्ञात भय मुक्ति या शत्रु सम्मोहन के लिए तीनो दीपक की लो पर एक कोमल पीपल के पत्ते पर काजल तैयार कर ले आये और उसका तिलक लगाने से सभी प्रकार की दृश्य अदृश्य शक्तियों से रक्षा होगी विशेष छोटे बच्चे जो अक्सर डरते हे या रात को उठ जाते हे या बिस्तर गिला कर देते हे ..उनके लिए |
घर के बाहर मुख्या द्वार या चौखट पर इस काजल का टीका भी लगाया जा सकता हे ...
३.इसके साथ सप्ताह में या माह में एक बार सप्त धान्य को देशी घी में हल्का हलका भुन कर उसे पिस कर उसमे मिश्री का चूरन मिला कर खोपरे के गोले में भर कर पीपल के या बरगद के वृक्ष की जड़ के पास १५ इंच गहराई में दिक्षेप कर दे तो अप्रत्याशित आय के स्त्रोत खुलने लगेंगे ...पर यह गुप्त रूप से ब्रहम मुहूर्त रात्री तीन के बाद से प्रातः छः के पहले करना हे .
४. जटिल रोगों से मुक्ति हेतु एक अतिरिक्त गुलाब ले कर जाना हे जो शिव लिंग पर मृत्युंजय मंत्र या श्री राम कह कर चढ़ाना हे तथा निरोग प्राप्ति की प्रार्थना कर उसे उठा कर पत्ती पत्ती का भक्षण करना हे यहाँ इस के लिए दो गुलाब लेना हे एक वही शिव लिंग पर ही रखना हे एक लेना ..हे इससे धीरे धीरे रोग शमन होगा...और एकाग्रता बढ़ेगी तथा मानसिक तनाव मुक्ति होगी ...
५ लोगो से सहयोग प्राप्ति के लिए बेसन से बनी मिठाई लड्डू आदि का प्रसाद चढ़ाना हे मंगल वार को |
*विशेष नियम ...
स्थान ...समय एक ही हो ....निरंतर चले तथा इसका प्रभाव वेसे तो ७२ घंटे ...७२ दिन या ७२ सप्ताह में मिलता ही हे ...
लेकिन लगातार करते रहने से खराब से खराब भाग्य भी धीरे धीरे सुधर कर सौभाग्य में बदल जाता हे ...
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उपरोक्त प्रयोग प्रभावशाली हे किन्तु फिर भी अपने विवेक का प्रयोग कर करें .
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
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(रजि.)
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