इष्ट देवता बटुकभैरव है तो सब कुछ सम्भव है
श्री बटुक भैरवनाथ जी की साधना एक दुर्लभ साधना है , जिनके साधक को कभी भयभीत नहीं होना चाहिए। ब्रह्माण्ड में बटुक भैरव साधना जैसी कोई साधना नहीं और यदि आप साधना के करीब आजाते है तो बाबा हर पल आपके साथ ही रहते है।
एक परछाईं की तरह अपने भक्त का मार्ग दर्शन करते है। और किसी भी अरिष्ट शक्ति को वो अपने भक्त के समक्ष नहीं आने देते, किसी भी प्रकार का तन्त्र बटुक साधक पे काम नहीं करता। उसके बिपरीत जो इनके पीछे पड़ते है उनका सर्वश्व नष्ट हो जाता है ।
बटुक भैरव की साधना के लिए सबसे जरुरी और उपयोगी तुरीय यानी मध्य रात्रि का समय 12am से 3:59 am तक का होता है। इस समय को सिद्ध काल कहते है, यदि इस समय साधना नहीं हो पाती तो रात्रि 9 pm से 3:59am तक के मध्य का समय ग्रहण करें, इस समय को रात्रि पूजा में ग्रहण कर लिया जाता है । वैसे तो बाबा की पूजा में तुरीय संध्या का सबसे बड़ा स्थान है जिससे प्राणनाथ बाबा बटुकनाथ बहुत प्रशन्न हो जाते है ।
बाबा भाव पूर्ण पूजा या साधना के प्रेमी है । जो इनकी साधना मात्र स्वार्थ निमित्त करते है उनको सावधनी से करनी चाहिए । स्वार्थ निमित्त का अभिप्राय है कि कोई काम नहीं बन रहा मात्र उसके लिए या कोई और साधना कर रहे उसमें कोई दिक्कत या रुकावट आरही, कोई प्रेतबाधा आपके पीछे पड़ी है
इस लिए कर रहे तो सावधानी से करें। जिस बात को लोग ज्यादा बोलते है कि बटुक भैरव या 64 भैरव में कोई भी भैरव बहुत क्रोधी है । वो ऐसे लोगों के लिए ही है । जो स्वार्थ निमित्त साधना करते है । और जो भगवान शिव के साधक है जो शिव के इस बाल रूप को आराध्य या कहें तो इष्ट मानते है उनको किन्चित मात्र नहीं डरना चाहिए उनपे बाबा कभी रुष्ट नहीं होते । यदि श्री बटुकभैरावनाथ इष्ट है तो आपके लिए जीवन में सब कुछ सम्भव है कोई भी चीज दुर्लभ नहीं है ।
विशेष :-
रात्रि पूजा कभी खण्डित न हो इसपे विशेष ध्यान रखें । और जब भी कुछ खायें पियें कोशिश पूरी करें की वो सामग्री आपकी नजर में साफ हो, जूँठी न हो तब उसे मन से बाबा को समर्पित करें तभी खायें । ये दो सावधानी बटुक साधना में बहुत जरुरी है ।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 09958417249
No comments:
Post a Comment