Monday, June 1, 2020

शनिवार को तांत्रिक क्रियाओं को करें बेअसर





शनिवार को तांत्रिक क्रियाओं को करें बेअसर


1  घर में हमेशा लक्ष्मी का वास रहे तो गेंहू हमेशा शनिवार को ही पीसवाए और उसमें थोड़े से काले चने जरूर मिला लें। उस आटे की सबसे पहली रोटी गाय को खिलाएं और अन्तिम रोटी पर सरसों तेल लगा कर कुत्ते को खिलाएं।

2 सात शनिवार तक एक नारियल किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें और इस मंत्र का जाप करें ऊँ रामदूताय नम: लगातार सात शनिवार इस प्रकार करने से समस्याओं का प्रभाव कम हो जाएगा और हनुमान जी के साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी।

3 मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव का कुप्रभाव नहीं होता।

4 अगर ऐसा लगे की कोई शत्रु आपकी दूकान या ऑफिस में तांत्रिक क्रिया करके आपको हानि पंहुचाने का प्रयास कर रहा है तो शनिवार प्रातः पांच पीपल के पत्ते और आठ पान के साबुत डंडीदार पत्ते लेकर लाल धागे में पिरोकर दूकान में पूर्व की तरफ बांध दें और ऐसा अगर आप हर शनिवार करें तो तांत्रिक क्रिया बेअसर हो जाएगी तथा आपका लाभ बढ़ जाएगा।

5 शनिवार के दिन गरीब व्यक्ति को एक जोड़ी जूते दान करें।

6  सुबह उठकर अपनी हथेलियों को तीन बार चुंबन करें। यह उपाय शनिवार से शुरू करें।

7 कमाई अच्छी है मगर आप संचय नहीं कर पा रहें है तो प्रत्येक शनिवार को काले कुत्ते को तेल के साथ चुपड़ कर चपाती दें।

8 बुरी नजर से बचाने के लिए शनिवार को थोड़ा कच्चा दूध लें और प्रभावित व्यक्ति के सिर के चारों ओर इसको 7 बार घुमाएं और उस के बाद काले कुत्ते को पिलाएं।

और ज्यादा जानकारी समाधान और उपाय या रत्न या किसी भी प्रकार की विधि या मंत्र प्राप्ति के लिए संपर्क करें और समाधान प्राप्त करें 

जादा जानकारी और समाधान और उपाय या रत्न विश्लेषण समाधान प्राप्त के लिए सम्पर्क करे।

 जन्म  कुंडली  देखने और समाधान बताने  की 

दक्षिणा  -  201  मात्र .

paytm number - 9958417249 .

राजगुरु जी

महाविद्या आश्रम   (  राजयोग  पीठ  ) फाउंडेशन ट्रस्ट 

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249

                     

व्हाट्सप्प न०;- 9958417249


No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...