जानिए रहस्यमयी तांत्रिक विश्वविद्यालय :
चौसठ योगिनी मंदिर, मुरैना के बारे में
आपने अब तक ऐसे बहुत से जगहो और मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां तांत्रिक किर्याएँ होती है,जहां तांत्रिक अपनी सीढिया पाने के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करते है, पर क्या अपने कभी आपने तांत्रिक के विश्वविद्यालय के बारे में सुना है?
आज हम आपको तांत्रिकों के विश्वविद्यालय के बारे में बताएंगे , इस विश्वविद्यालय में न ही कोई प्रोफ़ेसर है और न ही कोई स्टूडेंट इसके बाद भी अक्सर पूरी दुनिया से लोग तंत्र सकती में सिद्धि प्राप्त करने के लिए यहाँ रात में आकर तांत्रिक कर्म कांड करते है।
इस विश्वविद्यालय में भारत से ज्यादा विदेशी लोग आते है जिनको की यहाँ के स्थानीय तान्त्रिको के साथ बैठ कर कर्म कांड करते हुए देखा जा सकता है।
आइये अब इस अद्भुत जगह के बारे में बिस्तर से बताते है :-
भारत में चार प्रमुख चौसठ योगिनी मंदिर है, दो उड़ीसा में तथा दो मध्य प्रदेश में है परन्तु इन सब में मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौसठ योगिनी मंदिर का विशेष महत्व है, इस मंदिर को गुजरे जमाने में तांत्रिकों का विशवविधालय कहा जाता था।
ग्राम पंचायत:- मितौली
थाना :- रिठौरा कला
जिला :- मुरैना
इस मंदिर की उचाई भूमि तल से 300 फिट है, करीब 1200 साल पहले 9 वीं सदी में अड़तिहार वंश के राजाओं द्वारा बनाए गए इस मंदिर में 101खम्बे है, और 64 कमरे है जिसमे सभी में एक एक शिवलिंग है।
मंदिर के मुख्य आंगन में भी एक शिवलिंग है, कमरों में रखे शिवलिंग के साथ साथ योगिनी देवियों की मूर्तियां भी थी, लेकिन बाद में इन योगिनि देवियों की मूर्तियों को दिल्ली के सग्रहालय में सुरक्षित रूप से पंहुचा दिया गया है।
इसी 64 योगिनी मूर्तियों के कारण इस विश्वविद्यालय का नाम चौसठ योगिनी मंदिर पड़ा है, ये सभी योगिनिया अलौकिक शक्ति से सम्पन्न थी।तथा यहाँ जो भी लोग कर्मकांड की सिद्धि के लिए आते है वो इन्ही के आशीर्वाद से अपनी सिद्धि को प्राप्त कर पाते है।
ये सभी देवियां माता काली का अवतार मानी जाती है, घोर नामक दानव से युद्ध करते वक्त माता ने 64 योगिनियो के रूप में अवतार लिए थे, यह भी माना जाता है कि ये सभी योगिनी माता पार्वती की सखिया है।
यह स्थान ग्वालियर से 40km की दूरी पर है, ये जगह काफी प्रसिद्ध एवं रहस्यमयी है अगर आप कभी मध्य प्रदेश के मुरैना आए तो इस जगह के दर्शन करना न भूले इस विश्वविद्यालय या यु कहे कि मंदिर से जुड़ी मान्यता कितनी विख्यात है ये तो आपको उसी वक्त पता चल जायेगा जब आप इस जगह पर पहुंचेंगे, यहाँ आपको काफी देशी और विदेशी लोग नज़र आएंगे जो सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए आस पास के गावं में दिख जाएंगे।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
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