Monday, April 6, 2020

भैरव







भैरव 


लोग इधर भैरव बनने का ज्ञान बांटते हैं स्वयं को भैरव बताते हैं।

भैरव बनना इतना आसान नहीं

लम्बी साधना से प्राप्त शक्ति बल तो चाहिये ही साथ में अद्भुद शारीरिक बल भी चाहिए।

सबसे पहले मजबूत शरीर चाहिए जो प्राणायाम, योगासन और हठयोग से बनता है। जल में, रेत में , अंगारों में बैठ कर स्वयं को तपा कर साधना करने से

शरीर के साथ मजबूत लिंग भी चाहिए ऐसा मजबूत जो उत्थित हो तो वज्र के समान मजबूत हो , ऐसा की दो घण्टे तक रति घर्षण में भी स्खलित न हो।

लिंग को वज्र बनाने के लिए, लम्बा मोटा और मजबूत करने के लिए अनेक अषधियों, तेलों, मलहमो और वटी आदि का प्रयोग किया जा सकता है किन्तु तुरन्त प्रयोग के लिए नहीं

ऐसा प्रयोग कल्प भक्षण ताकि एक कोर्स पूरा करने के बाद पुनः कभी जरूरत न पड़े

खान पान भोजन आचार विचार में संयम परहेज चाहिए

किन्तु आजकल के युवा कम्प्यूटर मोबाइल पर सेक्स फ़िल्म देख कर बचपन से ही हस्तमैथुन करने लगते हैं, शादी की उम्र आते आते वो शीघ्र पतन लिंग के ढीले टेढ़े मेढ़े होने की समस्याओ से ट्रस्ट हो मानसिक कुंठाओं में घिर जाते हैं

ब्रह्मचर्य संयम को महत्व देने वाले ऋषि मुनि पागल नहीं थे।

भैरव बनने का ज्ञान देना कतिपय सरल है किन्तु बनना दुष्कर

आज का युवा स्त्री योनि पर  लिंग रखते ही झड़ जाता है 
कुंवारे और शादी शुदा दोनों इस से ग्रस्त हैं

यही कारण है की जिनके परिवारो में पहले 8 10 बच्चे होते थे अब उनकी नई पीढ़ी एक अदद सन्तान को तरसती है

फिर डॉक्टर जोतिस तांत्रिक मुल्लो के चक्कर लगाती है

सन्तान न होने पर पुरुषवादी समाज स्त्री को दोषी बताता है जबकि आज अधिकांश दिक्कत लड़को में है

अपना  वीर्य नालियो में बहाकर उन्होंने खुद अपने कुल्हाड़ी मारी है

भैरव बनना है तो पहले प्राणायाम से संयम, योग से सौष्ठव प्राप्त करो
फिर तेल मलहम वटी आदि से लिंग को मजबूत बनाओ 
जो हाथी की सूंड सा मजबूत हो किसी भी योनि को द्रवित कर सके
पर ये मजबूती सम्भोग के लिए नहीं एक साधना अवधि के लिए चाहिए संयम के साथ
यदि यहां भटके फिसले तो सूख के छुहारा हो जाओगे किसी टीबी के मरीज जैसे

जो पहलवानी करते हैं ब्रह्मचर्य करते हैं इसिलियी की शक्ति का ऊर्ध्वगमन हो ह्रास न हो।

शेष फिर कभी

।।श्री उन्मत्त भैरवाय शरणम्।।

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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मोबाइल नं. : - 09958417249

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