ऐं ह्रीं श्रीं क्रीं हूं ह्रीं कामकलाकालि दक्षिणकालि भद्रकालि श्मशानकालि कालकालि गुह्यकालि धनकालि सिद्धिकालि चण्डकालि लक्ष्मि महालक्ष्मि अन्नपूर्णे वनदुर्गे अघोरे पद्मावति महिषमर्दिनि जयदुर्गे दुर्गे राजमातङ्गि उच्छिष्टमातङ्गि सुमुखि बगलामुखि धनलक्ष्मि सरस्वति भुवनेश्वरि नित्यक्लिन्ने भैरवि राज्यलक्ष्मि राजराजेश्वरि शूलिनि महाचण्डयोगीश्वरि सिद्धिलक्ष्मि राज्यसिद्धिलक्ष्मि त्रैलोक्यविजये वज्रप्रस्तारिणि कात्यायनि चण्डकपालेश्वरि स्वर्णकूटेश्वरि वार्तालि चण्डवार्तालि उग्रचण्डे रुद्रचण्डे प्रचण्डे चण्डनायिके चण्डवति चण्डिके ज्वालाकात्यायनि चैतन्यभैरवि मधुमति तुम्बुरेश्वरि उन्मत्तमहिषमर्दिनि रक्तचामुण्डेश्वरि त्रिपुरावागीश्वरि चण्डवारुणि दिगम्बरि कालरात्रि किरातेश्वरि वज्रकुब्जिके समयकुब्जिके कुब्जिके मोक्षकुब्जिके भोगकुब्जिके जयकुब्जिके सिद्धिकुब्जिके हृदयशिवदूति शिरःशिवदूति शिखाशिवदूति कवचशिवदूति नेत्रशिवदूति अस्त्रशिवदूति व्यापकशिवदूति कालसङ्कर्षिणि कुक्कुटि भ्रमराम्बिके धनदे सङ्कटादेवि महार्णवेश्वरि शबरि मोहिनि महामोहिनि मूकाम्बिके एकजटे नीलसरस्वति उग्रतारे छिन्नमस्ते पीताम्बरे त्रिकण्टकि संग्रामजगदुर्गे ब्रह्मानि माहेश्वरि कौमारि वैष्णवि नारसिंहि इन्द्राणि चामुण्डे चण्डघण्टे चण्डेश्वरि अनङ्गमाले हरसिद्धे फेत्कारि लवणेश्वरि नाकुलि वज्रवाराहि हयग्रीवेश्वरि परमहंसेश्वरि मोक्षलक्ष्मि ब्रह्मवादिनि शातकर्णि जातवेदसि महानीले विष्णुमाये गुह्येश्वरि अपराजिते बाभ्रवि डामरि चर्चिके अभये एकवीरे आवेशिनि करालिनि मायूरि इन्द्राक्षि घोणकि भीमादेवि चण्डखेचरि धूमावति तामसि जयन्ति एकानांशे नीललोहितेश्वरि त्रिकालवेदिनि कोरङ्गि रक्तदन्ति भूतभैरवि कुलकुट्टिनि कामाख्ये विश्वरूपे क्षेमङ्करि कुलेश्वरि कामाङ्कुशे हाटकेश्वरि शक्तिसौपर्णि महामारि मङ्गलचण्डि कोकामुखि ज्वालाकालि घोरनादकालि उग्रकालि वेतालकालि संहारकालि रौद्रकालि कृतान्तकालि चण्डकालि घनकालि घोरकालि सन्त्रासकालि प्रेतकालि प्रलयकालि विभूतिकालि जयकालि भोगकालि कल्पान्तकालि सन्तानकालि दुर्जयकालि वज्रकालि विद्याकालि शक्तिकालि कुलकालि मुण्डकालि धूम्रकालि आज्ञाकालि तिग्मकालि महारात्रिकालि सङ्ग्रामकालि शवकालि नग्नकालि रुधिरकालि भयङ्करकालि फेरुकालि करालकालि घोरघोरतरकालि सर्वशक्तिमयशरीरे सर्वमन्त्रमयविग्रहे कामकलागुह्यकालि श्रीकुलचक्रराजराजेश्वरेश्वरि नमस्ते नमस्ते नमस्ते फट् स्वाहा ||
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
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(रजि.)
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