Sunday, April 19, 2020

कालसर्प दोष राशिनुसार करें नागदेव की आराधना






कालसर्प दोष राशिनुसार करें नागदेव की आराधना


।।ॐ नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात।।

संपूर्ण पृथ्वी का भार संभालने वाले शेषनाग व भगवान शिवजी के गले में शोभायमान नाग महाराज को हमारे पूर्वज, देव, दानव व किन्नर सभी पूजते हैं। 

नाग महाराज का पूजन करने से  समस्त प्रकार के कष्ट खत्म हो जाते हैं।  जिस व्यक्ति को राहु-केतु की दशा या महादशा चल रही हो, कालसर्प दोष हो उस जातक को प्रसिद्ध शिवलिंग पर नाग-नागिन का चांदी अथवा पंचधातु का जोड़ा चढ़ाना चाहिए। समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। 

दोष-निवारण के लिए सिर्फ नागपंचमी पर ही नहीं बल्कि साल भर नाग देवता की राशि अनुसार स्तुति कर सकते हैं -

मेष-   ॐ वासुकेय नमः

वृषभ-  ॐ शुलिने नमः 

मिथुन-  ॐ सर्पाय नमः

कर्क-   ॐ अनन्ताय नमः

सिंह-  ॐ कर्कोटकाय नमः

कन्या-  ॐ कम्बलाय नमः

तुला-  ॐ शंखपालय नमः

वृश्चिक- ॐ तक्षकाय नमः

धनु-  ॐ पृथ्वीधराय नमः

मकर-  ॐ नागाय नमः

कुंभ-  ॐ कुलीशाय नमः

मीन-  अश्वतराय नमः
                  
विशेष : 

भगवान शिव की आराधना से नागदेव प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

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(रजि.)

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