// श्री महाकाली यन्त्र //
श्मशान साधना मे काली उपासना का बङा महत्व है।
इसी सन्दर्भ मे महाकाली यन्त्र का प्रयोग शत्रु नाश, मोहन, मारण, उच्चाट्न आदि कार्यों में प्रयुक्त होता है।
मध्य मे बिन्दू, पांच उल्ट कोण, तीन वृत कोण, अष्टदल वृत एवं भूरपुर से आवृत महाकाली का यन्त्र तैयार करे।
इस यन्त्र का पूजन करते समय शव पर आरुढ, मुण्ड्माला धारण की हुई, खड्ग, त्रिशूल, खप्पर व एक हाथ मे नर-मुण्ड धारण की हुई, रक्त जिह्वा लपलपाती हुई भयंकर स्वरुप वाली महाकाली का ध्यान किया जाता है।
जब अन्य विद्यायें विफल हो जाती है तब इस यन्त्र का सहारा लिया जाता है। महाकाली की उपासना अमोघ मानी गई है।
इस यन्त्र के नित्य पूजन से अरिष्ट बाधाओं का स्वतः ही नाश होकर शत्रुओ का पराभव होता है।
शक्ति के उपासकों के लिए यह यन्त्र विशेष फलदायी है।
चैत्र, आषाढ, आश्विन एवं माघ की अष्टमी इसकी साधना हेतु सर्वश्रेष्ठ काल माना गया है।
मूल्य : - 1100 . रूपये मात्र .
राजगुरु जी
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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