Thursday, November 29, 2018

कभी-कभी मैथुन के द्वारा कुंडली जागरण की चर्चा होती है





कभी-कभी मैथुन के द्वारा कुंडली जागरण की चर्चा होती है ..


अव्वल तो ये गूढ़ विषय है और चर्चा में नहीं आता ....

पर आधुनिक शहरों में इसकी बड़ी चर्चा होती है ........

शायद लोगों ने इसे शारीरिक संतुष्टि का विषय बना दिया ..

इस तंत्र में मैथुन यूँ ही किसी के भी साथ नहीं होता .. बल्कि गुरु स्वयं ही साथी प्रदान करते हैं ...

मैथुन के समय उत्त्पन्न होने वाली काम उर्जा को उर्ध्वरेता करना होता है , किसी भी हालत में उसका स्खलन ना हो ...

स्त्री-पुरुष दोनों के लिए ही ये आवश्यक है 

और ख़ास बात ये की ...

नीचे की और बहती काम उर्जा को सिर्फ " बज्रोली " सिद्ध व्यक्ति ही उर्ध्वगामी कर सकता है ..
और वज्रोली सिद्धि .........

कोई वीर पुरुष ही सद्गुरु की सहायता से कर सकता है

चेतावनी - 


सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है 


विशेष -


किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें


राजगुरु जी


तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान


महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट


(रजि.)


.किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249'

                     08601454449

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