शनि देव साबर मंत्र प्रयोग
बारह राशियों के अक्षर स्वामी,देवता,रत्न एवं,रुद्राक्ष एवं वैदिक-शाबर मंत्र संग्रह
बारह राशियों के अक्षर
मेष राशि – चू,चे,चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.
वृष राशि- ई, उ,ए, ओ, वा,वी, वू,वे, वो.
मिथुन राशि – का, की, कू,घ,ड,छ,के, को, ह.
कर्क राशि – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू,डे,डो.
सिंह राशि- मा, मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू, टे.
कन्या राशि- टो,प,पी, पू,ष,ण,ठ,पे, पो.
तुला राशि – रा, री, रू,रे, रो, ता,ती, तू, ते.
वृश्चिक राशि – तो, ना, नी,नू,ने, नो, या, यी,यू.
धनु राशि – ये, यो, भ,भी, भू, ध,फ,ढ,भे.
मकर राशि- भो,जा, जी, खी,खू,खे, खो, ग,गी.
कुंभ राशि – गू, गे,गो, सा, सी, सू,से, सो, द.
मीन राशि – दी, दू,थ,झ,ञ,दे, दो, चा,ची अक्षर आते हैं.
राशियों के स्वामी,देवता,रत्न एवं रुद्राक्ष
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**साबर शनि मंत्र**
llओम गुरूजी थावर वार।थावर आसन थरहरो। पॉंच तत्व
की विद्या करो पॉंच तत्व का साधो करो विचार।तो गुरू पावूं थावर वार शनिवार कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण तेईस हजार जाप सोरठ देश पश्चिम स्थान धनुषाकार मंडल,तीन अंगुल़,मकर कुम्भ राशि के गुरू को नमस्कार।सत फिरे तो वाचा फिरे,पान फूल वासना सिंहासन धरे।तो इतरो काम थावर जी महाराज करे। ओम फट् स्वाहा ll
ग्रहों और राशि के अनुरुप यदि कोई भी व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार उससे मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को अपनी अनेक समस्याओं और परेशानियों से काफी हद तक तक मुक्ति मिल सकती है.
मंत्र पाठ से व्यक्ति हर प्रकार के संकट से मुक्त और आर्थिक संपन्नता को पाता है.
राशि-मंत्र
राशि-मंत्र का नित्य 108बार जप करने से मंत्र सिद्धि में सहायता मिलती है. इसकी ऊर्जा द्वारा विकास का मार्ग प्रशस्त होता है.साबर मंत्रो में जाप की संख्या लिखी हुई है।
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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