देवी छिन्नमस्ता का शत्रु नाशक मंत्र
स्तुति
छिन्न्मस्ता करे वामे धार्यन्तीं स्व्मास्ताकम,प्रसारितमुखिम भीमां लेलिहानाग्रजिव्हिकाम,
पिवंतीं रौधिरीं धारां निजकंठविनिर्गाताम,विकीर्णकेशपाशान्श्च नाना पुष्प समन्विताम,
दक्षिणे च करे कर्त्री मुण्डमालाविभूषिताम,दिगम्बरीं महाघोरां प्रत्यालीढ़पदे स्थिताम,
अस्थिमालाधरां देवीं नागयज्ञो पवीतिनिम,डाकिनीवर्णिनीयुक्तां वामदक्षिणयोगत:,
पंचोपचार पूजन करें-धूप,दीप,फल,पुष्प,जल आदि चढ़ाएं
देवी के शिव को कबंध शिव के नाम से पूजा जाता है
ॐ कबंध शिवाय नम:
इस मंत्र का 21 बार जाप करे
मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं ह्रीं वज्र वैरोचिनिये फट
लाल रंग के वस्त्र और पुष्प देवी को अर्पित करें
नवैद्य प्रसाद,पुष्प,धूप दीप आरती आदि से पूजन करें
रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें
काले रग का वस्त्र आसन के रूप में रखें या उनी कम्बल का आसन रखें
दक्षिण दिशा की ओर मुख रखें
अखरो व अन्य फलों का फल प्रसाद रूप में चढ़ाएं
15….मंत्र :
ॐ मलयाचल बागला भगवती माहाक्रूरी माहाकराली
राज मुख बन्धनं , ग्राम मुख बन्धनं , ग्राम पुरुष बन्धनं ,
काल मुख बन्धनं , चौर मुख बन्धनं , व्याघ्र मुख बन्धनं ,
सर्व दुष्ट ग्रेह बन्धनं , सर्व जन बन्धनं , वाशिकुरु हूँ फट स्वाहः ||
विधान :
इस मंत्र का जाप माता बागला के सामान्य नियमो का पालन करते हुए १ माला प्रतिदिन करें ११ दिनों तक और दसांश हवन करें और नित्य १ माला जाप करते रहें मंत्र जागृत हो जाए गा |
किसी भी प्रयोग को करने के लिए संकल्प लें (इछित गिनती का कम से कम ३ माला) और हवन कर दें प्रयोग सिद्ध होगा | रक्षा के लिए ७ बार मंत्र पढ़ के छाती पे और दसो दीशाओ मैं फुक मार दें , किसी भी चीज़ का भये नहीं रहे गा |
नियमित जाप से मंत्र मैं लिखे सभी कार्य स्वम सिद्ध होते हैं अलग से प्रयोग की अवशाकता नहीं है | मंत्र का ग्रहन , दिवाली आदी पर्व में जाप कर पूर्णता जागृत कर लें | नज़र दोष के लिए मंत्र को पढ़ते हुए मोर पंख से झाडे | पिला नवद्य ज़रोर अर्पित करे | ध्यान मग्न होकर जाप करने से जल्दी सिद्ध हो |
16……बन जाएगा हर बिगड़ा काम इस मंत्र से
ऐसा कई बार होता है कि हमारा कोई काम बनते-बनते बिगड़ जाता है। ऐसे में हमें काफी निराशा होती है। कई बार ऐसा भी होता है कि हमारे कार्य की सफलता उन लोगों पर टिकी होती है जिनके हमारी बिल्कुल नहीं बनती। ऐसे समय अगर नीच लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप किया जाए तो हर बिगड़ी हुई बात बन जाती है और कार्य सिद्धि हो जाता है।
मंत्र–
ओम् श्रीं श्रीं ओम् ओम् श्रीं श्रीं हुं फट् स्वाहा।
जप विधि
सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें। कुछ ही दिनों में इस मंत्र का असर दिखने लगेगा और आपके कार्य बनते जाएंगे।
राज गुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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