धन-धान्य और वैभव से भरा रहेगा आपका संसार
लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से धन लक्ष्मी का स्थान हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति अपने जीवन में कमाते तो बहुत हैं परंतु अधिक कमाई के पश्चात भी धन का संचय नहीं कर पाते हैं अर्थात धन की बचत नही कर पाते वो शुक्रवार को निम्न मंत्र का जाप करें।
मंत्र:
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
संचित लक्ष्मी का ये सरल उपाय है। इस सरल उपाय से आपके संचित धन की
वृद्धि होगी। घर में कभी पैसे की कमी नहीं आएगी। धन-धान्य और वैभव से भरा रहेगा आपका संसार।
सफेद चंदन अथवा कमलगट्टे की माला से उत्तर दिशा की ओर मुख करके 108 बार इस मंत्र का जाप करें। इस सरल उपाय की वजह से आपका धन निश्चित रूप से संचित होगा। इस साधना से घर परिवार में सुख-समृद्धि रहती है और भात के भंडार सदैव अन्न और धन से भरे रहते है।
दक्षिणा शुल्क 1100 रू +डाक व्यय
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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