Sunday, December 16, 2018

शत्रु षड़यंत्र नाशक प्रयोग





शत्रु षड़यंत्र नाशक प्रयोग


रविवार या अमावस्या की रात्रि में दक्षिण मुख हो कर बैठे,सामने काला वस्त्र बिछा कर उस पर महाकाली का कोई भी चित्र स्थापित करे,माँ का सामान्य पूजन करे,तथा एक निम्बू पर सिन्दूर से शत्रु का नाम लिखे,सिन्दूर को सरसों या तील के तेल में घोले।संकल्प अवश्य ले.

इसके बाद मूंगा,काला हकिक या रुद्राक्ष माला से मंत्र की २१ माला करे,हर माला के बाद कुछ उड़द के दाने निम्बू पर चड़ाए,इस भावना के साथ की महाकाली शत्रु के सारे षड़यंत्र का नाश कर रही है.


जाप पूर्ण हो जाये।तब एक ताम्बे का लोटा या मिटटी की छोटी मटकी ले. ये निम्बू उस मटकी या लोटे में डाल दे.

उड़द भी उसी में डाल दे.जिस काले वस्त्र पर माँ को स्थापित किया था उसी वस्त्र से मटकी का मुह बांध दे.

माँ से पुनः प्रार्थना करे मटकी को हाथ में लेकर,और रात्रि में ही मटकी को कही ज़मीन में गाड दे.पीछे मुड़कर न देखे पुनः घर आकर स्नान कर ले.

ये एक दिवसीय प्रयोग हर षड़यंत्र को विफल कर देगा।किसी के अनिष्ट की कामना से इसे न करे.अन्यथा माँ आपको दण्डित करेंगी।

मंत्र: 

क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट


( KREENG KREENG SHATRU NAASHINI KREENG KREENG PHAT )

दक्षिणा शुल्क 1100  रू +डाक व्यय

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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