चक्रेगमालिनी देवी साधना
(शिव शक्ति)
यह देवी भगवती से उत्पन्न है।यह सफ़ेद वस्त्रो को धारण किये हुये,गले में फूलो का सफ़ेद हार पहने हुये साधक को दर्शन देती है।
सिद्ध होने पर यह साधक को भूत भविष्य वर्तमान बताती हैं और अन्य बाते भी साधक के कानो में बोलकर बताती हैं।इस देवी सिद्धि से साधक स्वयं ही त्रिकाल दर्शी बन जाता है।
देवी अम्बिका की मूर्ति का पूजन करे।मिठाई का भोग लगाय, धूपबत्ती,फूल,अर्पित करे,देशी घी का दिया जलाय।जल का कलश रखे।
21 माला जाप 41 दिन करे।
सफ़ेद वस्त्र,सफ़ेद आसन ले।माथे पर लाल चन्दन का तिलक लगाये।रुद्राक्ष माला से जप करे।
बन्द आँखों से जप करे।सिद्ध होने पर यह साधक की सहायता करती हैं।
अंतिम दिन दशांश हवन करे।
गुरु पूजन,पवित्रीकरण,वास्तुदोष पूजन,शिव पूजन,अम्बा देवी पूजन करे।लालची साधक दूर रहे।
मन्त्र।
।ॐ ह्रीम् चक्रगमालिनी स्वाहा।
दक्षिणा शुल्क 1500 रू +डाक व्यय
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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