जानिये अपनी कुंडली में मंगल दोष , भाग्य रतन और शनि का प्रभाव -
अगर आप भी शादी, वैवाहिक जीवन, कुंडली में मंगलदोष और उसका प्रभाव और शनि की साढ़े साती ,ढैया और उसका प्रभाव तथा साथ में अपना भाग्य रतन जानना चाहते है तो आज ही आप सम्पर्क करें .
वैदिक ज्योतिष के अनुसार -
कुंडली में कई प्रकार के दोष बताये गए है इन्ही दोषो में एक दोष होता है, मांगलिक दोष जिसे मंगल दोष कुज दोष, भौम दोष भी कहते है। ये दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह मांगलिक कहलाता है
ये दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के 1,4,7,9,12 भाव में मंगल हो।
ये दोष होने पर कन्या अपने पति के लिए तथा पति कन्या के लिए घातक होता है।मंगल दोष बड़ी समस्याएं देता है, ये व्यक्ति के जीवन को तहस-नहस कर देता है. वैवाहिक जीवन में एक व्यक्ति मंगली हो और दूसरा न हो तो दूसरे की मृत्यु तक हो सकती है.इस दोष के करण ही आपकी शादी में विलम्ब होता है।
इसीलिए मांगलिक कुंडली का निर्णय बारिकी से किया जाना चाहिऐ .
अधिकतर ज्योतिष जब आपकी कुंडली का विस्लेषण करते है तो विस्लेषण करते समय सिर्फ ज्योतिष मंगल की स्थिती को देखकर ही मांगलिक होने का फैसला कर लेते हैं और बताते है की आपकी कुंडली में मंगल दोष है जिसके कारण आपको अनेक परेशानिया उठानी पड़ती है.
और जिसकी बजह से लोग इस दोष को दूर करने के लिए उल्टे-सीधे उपाय करने लगते हैं, जिससे समस्याएं कम होने की बजाय कई गुना बढ़ जाती हैं.
जबकि असलियत में ऐसा नहीं है 70 फीसदी से अधिक मामलों में आपकी कुंडली का मांगलिक दोष रद्द हो जाता है।
वैसे तो 80 % लोगो की कुण्डलियो में मंगल 1,4,7,8 ,12 भाव में होता है जिसका अर्थ है की वह व्यक्ति मांगलिक है.लेकिन इनमे से 50% लोगो का दोष किसी न किसी वजह से खतम हो जाता है,
वैदिक ज्योतिष के अनुसार अगर आपकी कुंडली में 1,4,7,8 ,12 भाव में मंगल हो तो आप मांगलिक होते है और
अगर आपकी कुंडली के 7,8 भाव में मंगल हो तो आपको high मांगलिक और
अगर 1,4,12 में मंगल हो तो वो आपको low मांगलिक होते है.
पर मांगलिक होने का मतलब ये नहीं है की आपकी कुंडली में मंगल दोष है. और अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है भी तो वह चन्द्र , शुक्र ,बुध की स्तिथि उस दोष को रद्द क्र देती है.
जैसे की यदि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है और आपकी कुंडली में उसी घर में मंगल के सामने शनि, बृहस्पति, राहू या केतू ग्रह बैठे हैं तो मांगलिक दोष अपने आप रद्द हो जाएगा।
ऐसे स्थिती में एक जातक मांगलिक न भी हुआ तो शादी हो सकती है।
मांगलिक दोष
हम आपकी कुंडली में मंगल के साथ साथ और भावो को भी देखते है जैसे चन्द्र , शुक्र ,बुध किस भाव में है , क्यों की चन्द्र , शुक्र ,बुध मंगल दोष को समाप्त कर देता है |
यही कारण है की मंगल आप की कुंडली में (1,4,7,8 ,12 ) भाव में होने से भी, आप में मांगलिक दोष नहीं होता - जिसका यह अर्थ है की आप मांगलिक नहीं है |
और साथ में आपकी शनि की साढ़े साती की दशा , ढैया कब कब चलेगी और उनमे आपके साथ क्या क्या होगा तथा उसके उपाय भी बताते है और आपका भाग्य रतन भी.
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