Saturday, January 19, 2019

प्रेत साधना करें इस शनिअमस्या पर





प्रेत साधना करें इस शनिअमस्या पर

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 यह साधना बहुत ही रोचक और बहुत ही दिलचस्प है 
जो भी साधक के पास ऐसी साधना होती है 

वह बड़ी सरलता से कोई भी कार्य बड़े आसानी से कर सकते हैं 

या साधना बहुत ही सावधानीपूर्वक करना पड़ता है क्योंकि इसमें जरा सी चूक हमारी जान मान पर खतरा आ सकता है इसलिए इसमें सुरक्षा  घेरा आसन कीलन विशेष रूप से हमें अस्पष्ट आना चाहिए तभी .

 इस साधना करने का प्रयत्न करें महिलाएं एवं बच्चे इस साधना से दूर रहें अगर आप साधना जगत में हताश हो चुके हैं आप आर्थिक बाधा से जूझ रहे हैं बिजनेस व्यापार से आप निरंतर नुकसान हो रहा है शत्रु से  आप परेशानी है कोई भी काम आपका नहीं बन रहा है तो या साधना अवश्य ही करनी चाहिए

 या साधना आपको केवल केवल ज्ञानवर्धक के लिए दे रहा हूं अगर कोई भी व्यक्ति इस साधना को करने का प्रयत्न करता है तो किसी  भी रूप में प्रणाम मिलने पर उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा

 या साधना आपको शनि अमावस्या को ही करना है आपको देखना यह है कि अगर इसी ही दिन जलती चिता की भस्म मिल जाती है .

तो अति उत्तम है वरना आप इसी ही दिन आपको चिता की भस्म लेनी है और आपको एकांत में ऐसी जगह बबूल का पेड़ ढूंढना है जहां कोई आता जाता ना हो या बबूल का पेड़ आपको पहले से ही देख रेख में  होना चाहिए

अब आपको करना क्या है उड़द की दाल बना लेनी है और बगैर धोया हुआ चावल पका लेना है एक कुल्हड़ में शराब ले लेनी है जो महुआ से निर्मित हो दो पीपल के पत्ते लेने हैं.

 एक सफेद आक के पत्ते लेना है पीपल के पत्ते पर पका हुआ चावल और दाल परोसे एक पत्ते पर मौली और सुपारी से लपेटकर कुमकुम के साथ रखें और सफेद आक के पत्ते पर चिता की भस्म रखें उसमें थोड़ा सा सेंट और गुलाब का फूल रख दें 

अब आप को आसन लगाकर आसन आपका सफेद होगा सुरक्षा घेरा लगा कर अब आप आसन कीलन करने के बाद घेरा के अंदर बैठ जाइए आप सामग्री को आप  सारी  व्यवस्थित ठीक से कर लेने के बाद अब आपको करना क्या है घेरा के बाहर सारी सामग्री को रख देना है और फिर  दोबारा आपको सुरक्षा घेरा और आसन कीलन  लगाना है

 विशेष आपको ध्यान में या रखना है कि चिता की भस्म लाते समय आपको अपामार्ग की जड़ और बरगद की जटा लेकर चिता को घुमा लेना है उसके बाद में ही चिता की भस्म लेनी है

मंत्र 

ओम भूतेश्वरवराय मम वश कुरु कुरु स्वाहा

 आप को रात्रि 10:00 बजे से शुरू करना है और तब तक करना है जब तक वह आपके सामने विवश होकर मजबूर होकर आपको यह कहे कि आप क्या चाहते हो और आपको जब तक आप उससे वचन नहीं ले लेते तब तक उस पर बिल्कुल विश्वास ना करें और वह आपसे कुछ डिमांड भी कर सकता है उस समय आप बड़े चतुराई से उससे बातें करें या साधना बहुत ही रोचक और बहुत ही दिलचस्प है .

आपको कहीं भी नहीं मिलने वाली अगर आप को कहीं मिल भी जाती है तो उसकी सही  विधि और सही विधान नहीं मिलेगा यह साधना केवल गुरु मुख और गुरुद्वारा ही मिल सकता है 

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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