Thursday, January 3, 2019

माँ तारा":-(ममतामयी माँ सबको तारने वाली)





"माँ तारा":-(ममतामयी माँ सबको तारने वाली)


क्या आप भी साधना करना चाहते हैं? तो आज ही अपने गुरु से सम्पर्क कर किसी साधना की शुरुवात करें। Tara MahaVidya - करोडपति बनना है आसान 

यह विद्या साधकों को बुद्धि, ज्ञान, शक्ति, जय एवं श्री देने वाली तथा भय, मोह एवं अपमृत्यु का निवारण करने वाली मानी गयी हैं।  

ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्ववस्थां गतोऽपि वा | य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि: || 
इस पानी को अपने उपर छिड्क ले

अचमन, स्थान शुद्धि, आदि करने के बाद गणपति और गुरु की पुजा शुरु करे। 

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः । गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥ 

प्रत्यालीढ पदार्पितांगघ्रिशवहृद घोराट्टहासा परा,खडगेन्दीवरकर्तृं खर्परभुजा हूंकार-बीजोद-भवा खर्वानील विशालपिंगल जटा जूटैकनागैर्युता,जाड्य न्यस्य कपालिके त्रिजगतां हन्त्युग्रतारास्वयम

सीधे हाथ मे जल लेकर कहे  - ‘ॐ अस्य श्रीतारांमन्त्रस्य अक्षोभ्यऋषिः बृहतीछन्दः तारादेवता ह्रीं बीजं हुं शक्तिः आत्मनोऽभीष्टसिद्धयर्थ तारामन्त्रजपे विनियोगः । जल छोड दे 

फिर करन्यास और अन्य न्यास को करने के बाद मे नीचे लिखा प्रक्रिया करे।

ऋष्यादिन्यास - 

‘ॐ अक्षोभ्यऋषये नमः शिरसि        
ॐ बृहतीछन्दसे नमः मुखे,
ॐ तारादेवतायै नमः हृदि,        
ॐ ह्रीं (हूँ) बीजाय नमः गुह्ये,
ॐ हूँ (फट्) शक्तये नमः पादयोः    
ॐ स्त्रीं कीलकाय नमः सर्वाङ्गे

कराङ्गन्यास -    

ॐ ह्रां अङ्‌गुष्ठाभ्यां नमः,        
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्या नमः,
ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः,        
ॐ ह्रैं अनकामिकाभ्यां नमः,
ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः        
ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः, 

मुल मंत्र 

“ॐ ह्रीं स्त्री हुं फट” 

की 39 माला रोज करें।  घी के दीपक से आरती करें जो भी कर सकते हैं चाहे अम्बे की करें फिर नमस्कार करें और कहे। 

ॐ गुह्यातिगुह्या गोप्ती त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम,सिद्धिर्भवतु मे महादेवी त्वत प्रसादान्देवी 
मंत्र जप समाप्ति पर साधक साधना कक्ष में ही सोयें।  

सभी सामन को पुजा वाले कपडे मे लपेट कर कलवा से बांध कर नदी में प्रवाहित कर दें। । कुछ सिक्के भी पानी मे डाल दे। हाथ जोडकर घर आये किसी से बात ना करें और पीछे मुडकर ना देखे तो ज्यादा अच्छा हैं। 

वरना प्रभाव कम हो जाता हैं। घर पहुँचते ही साधना सिद्धि हो चुकी होगी। धन पाने के नये मार्ग स्वयं माँ खोलती जायेगी इसके अलावा आपके स्वास्थ, बुद्धि, वाणी का ध्यान रखेगी

साधना के दौरान थोड़ी भयावह स्थिति बन सकती है, पदचाप सुनाई दे सकती है, साधना से उच्चाटन हो सकता है, तीव्र ज्वर और तीव्र दर्द का अनुभव हो सकता है परन्तु साधक यदि इन् स्थितियों को पार कर लेता है तो उसे स्वयं ही धीरे धीरे उपरोक्त लाभ प्राप्त होने लगते हैं.

साधना काल के दौरान आपको कुछ आश्चर्य जनक अनुभव हो सकते हैं, पर इनसे न परेशान या बिचलित न हो , ये तो साधना सफलता के लक्षण हैं .

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है 

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

.किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249'

                    08601454449

व्हाट्सप्प न०;- 9958417249


No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...