Saturday, January 5, 2019

दारिद्र्य नाशक धूमावती साधना







दारिद्र्य नाशक धूमावती साधना


दारिद्र्य नाशक धूमावती साधना जीवन में कई बार ऐसे पल आ जाते है की हम निराश हो जाते है,अपनी गरीबी से अपनी तकलीफों से,और इस बात को नहीं नाकारा जा सकता की हर इन्सान को धन की आवश्यकता होती है

 जीवन के ९९ % काम धन के आभाव में अधूरे है यहाँ तक की साधना करने के लिए भी धन लगता है,तो क्यों और कब तक बैठे रहोगे इस गरीबी का रोना लेकर क्यों ना इसे उठा कर फेक दिया जाये जीवन से.

मेरे सभी प्यारे भाइयो और बहनों के लिए एक विशेष साधना दे रहा हु जिससे उनके आर्थिक कष्ट माँ की कृपा से समाप्त हो जायेंगे.ये मेरी अनुभूत साधना है आप संपन्न करे और माँ की कृपा के पात्र बने.

 साधना सामग्री. 

एक सूपड़ा,स्फटिक या तुलसी माला.

 विधि: 

यह साधना धूमावती जयंती से आरम्भ करे,समय रात्रि १० बजे का होगा,आप सफ़ेद वस्त्र धारण कर सफ़ेद आसन पर पूर्व मुख कर बैठ जाये.

सामने बजोट पर सूपड़ा रख कर उसमे सफ़ेद वस्त्र बिछा दे फिर उसमे धूमावती यन्त्र स्थापित करे,इसके बाद गाय के कंडे से बनी भस्म यन्त्र पर अर्पण करे घी का दीपक जलाये,पेठे का भोग अर्पण करे,

माँ से प्रार्थना करे की में यह साधना अपनी दरिद्रता से मुक्ति के लिए कर रहा हु आप मेरी साधना को सफलता प्रदान करे तथा मेरे सभी कष्टों को दूर कर दे.

इसके बाद निम्न मंत्र की एक माला करे 

ॐ धूम्र शिवाय नमः

 इसके बाद 

धूं धूं धूमावती ठह ठह 

की २१ माला करे.

फिर पुनः एक माला पहले वाले मंत्र की करे.जप के बाद दिल से माँ से प्रार्थना करे और इस साधना को २१ दिन तक करे.

साधना पूरी होने के बाद सुपडे को यन्त्र सहित उठाकर माँ से प्रार्थना करे की माँ आप हमारी सभी पापो को क्षमा करे और आज आप हमारे जीवन के सारे दुःख सारी दरिद्रता को आपके इस पवित्र सुपडे में भर के ले जाये है

 माँ हमारे जीवन में कभी दरिद्रता ना लोटे ऐसी दया करे.इसके बाद.सुपडे और यन्त्र को जल में प्रवाहित कर दे या किसी निर्जन स्थान में रख दे.

निश्चित माँ की आप पर कृपा बरसेगी और जीवन की दरिद्रता कोसो दूर चली जाएगी.साधना के पहले गुरुदेव पूजन तथा गणपति पूजन करे ये हर बार बताना आवश्यक नहीं है.

साधना काल के दौरान आपको कुछ आश्चर्य जनक अनुभव हो सकते हैं, पर इनसे न परेशान या बिचलित न हो , ये तो साधना सफलता के लक्षण हैं .

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है 

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

.किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

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