प्राण प्रतिष्ठित हरिद्रा माला
तंत्र में अतिप्रचलित कुछ वस्तुएं
हरिद्रा माला
मित्रों आज के सुचना युग में वैसे तो लोग काफी जानकारी रखते हैं पर हरिद्रा यानि हल्दी का सर्वाधिक उपयोग खाने में ही करते हैं। इसी हल्दी के कुछ अन्य उपयोग आज आपको बता रहा हूँ
1. माँ पीताम्बरा यानि माँ बगुलामुखी की साधना में जप हेतु हल्दी माला का प्रयोग होता है। इसके साथ ही माँ के शत्रुनाश या बाधानाश और कामनापूर्ति अनुष्ठान में भी इसका प्रयोग होता है।
2. जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो या शुभफल न दे रहा हो उन्हें हल्दी माला धारण करनी चाहिए।
बृहस्पति देव गुरु हैं बुद्धि शिक्षा पुत्र और धन के दाता हैं।
3. धनु और मीन लग्न एवं राशी वालों को ये माला धारण करनी चाहिए।
4. जो बच्चे बेहद चंचल या गुस्सैल हों और पढाई में बिलकुल मन न लगाते हों उन्हें ये माला पहनानी चाहिए।
5. भगवान श्री गणेश जी की साधना में भी हरिद्रा माला अतिफल्दायी है।
6. क़र्ज़ नाश हेतु हरिद्रा गणपति साधना में ये माला सर्वोपयुक्त है। जो ये साधना करने में सक्षम न हो उन्हें भगवन गणेश को ये माला पहना कर कर्जमुक्ति हेतु ऋण नाशन गणपति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
7. जिन लोगों का लीवर कमजोर हो या बार बार पीलिया हो जाता हो अथवा पीलिया लगातार रिपोर्ट में आता हो उन्हें पुनर्नवा की माला के साथ हरिद्रा की माला पहननी चाहिए।
8. धन सम्बन्धी समस्याओं के लिए हरिद्रा माला पर ताम्बे का श्रीयंत्र स्थापित कर पूजन करें।
9. त्वचा रोगों से ग्रसित व्यक्ति नहाने से आधा घंटा पूर्व ये माला पानी की बाल्टी में डाल दें फिर उस पानी से नहा लें और माला धारण कर लें।
10. ऊपरी बाधा से ग्रसित या बार बार पीड़ित होने वाले व्यक्ति को माँ बगुलामुखी के मन्त्र से अभिमंत्रित माला धारण करनी चाहिए।
11. घर में सुख शांति व् धार्मिक वातावरण बनाने के लिए ईशान यानि उत्तर पूर्व कोण पर श्रीकृष्ण की प्रतिमा या फोटो स्थापित कर पर हरिद्रा माला पहनानी चाहिए।
मूल्य : - 550 रूपये
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है
विशेष -
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राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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