विश्व मोहिनी साधना विधि
इस साधना से व्यक्तित्व में गज़ब का आकर्षण आ जाता है| यहाँ तक कि आपकी बोल-चाल, उठने बैठने की शैली भी सम्मोहक हो जाती है| इस साधना का उपयोग वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने के लिए अत्यंत लाभदायक है| स्त्री तथा पुरुष दोनों समान रूप से इस साधना के द्वारा अपने जीवन को संवार सकते हैं|
साधना विधि
देवी योगमाया का यंत्र स्थापित कर, उन्हें सुगंधित जल से स्नान कराएं, इत्र तथा चुनरी अर्पित करते हुए प्रतिमा का सोलह श्रंगार करें| प्रसाद में सात प्रकार की मिठाई रखेँ| पूजन हेतु स्वयं लाल वस्त्र धारणकर पूर्व दिशा की और मुख कर बैठें|
देवी के यंत्र के सम्मुख तिल की ढेरी लगाकर उस पर तिल के तेल का दीपक रख दें| लाल रंग का पुष्प चढ़ाएँ तथा पंचोपचार विधि से पूजन करें| तत्पश्चात स्फटिक की माला पर निम्नलिखित मंत्र का 9000 हजार जाप का संकल्प लेकर एकादशी से प्रारम्भ करें –
साधना समाग्री : -
योगमाया देवी का यंत्र और गुटिका . सफेद स्फटिक माला . प्राण - प्रतिष्ठा युक्त मंत्र सिद्धी होना चाहिए .
मंत्र : - -
दृॐ ह्रीं सर्व चक्र मोहिनी जाग्रय जाग्रय ॐ हुं स्वाहा !!
यह साधना सात दिनों में पूर्ण किया जा सकता है| इसके लिए एक दिन में आपको 16 माला जाप करना होगा| साधना के दौरान ब्रम्हचर्य का पालन करें| साधना के पश्चात श्रंगार सामाग्री किसी कुंवारी कन्या को दान कर दें अथवा कुछ दक्षिणा के साथ मंदिर में अर्पित कर दें|
साधना समाप्त होते ही स्त्रियाँ अप्रतिम सौन्दर्य की स्वामिनी बन जाती है तथा पुरुषों में अद्भुत आकर्षण व्याप्त हो जाता है| इसकी सिद्धि से आप समस्त तनाव से मुक्त होकर जीवन की किसी भी समस्या का सामना करने में समर्थ हो जाते हैं|
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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