कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली माना जाता है| जिस साधक ने इस मंत्र को सिद्ध कर लिया उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है|
मंत्र सिद्धि के विधान कठिन हैं इसलिए इसे हंसी-खेल में लेना घातक है| आत्मबल तथा सिद्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो तभी इस ओर कदम बढ़ाना चाहिए|
साधना के आरंभ में विनियोग, करन्यास, अंग न्यास करें| तत्पश्चात ध्यान के लिए देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर अपनी चेतना एकाग्र करें –
रक्ताभ वस्त्रधारिणी देवी कामाख्या, द्विभुजी हैं जिनके मस्तक पर सिंदूर का तिलक शोभा दे रहा है| वह चन्द्रमा के समान उज्जवल तथा कमल जैसी सुंदर हैं| उनके तन पर रत्न जड़ित आभूषण शोभित है|
वह मणि-माणिक्य जटित सिंहासन पर आरूढ़ हैं| उन्नत पयोधर वाली देवी कामाख्या मंद-मंद मुस्कुरा रही हैं| श्यामवर्णा देवी सुंदर नेत्रों वाली त्रिनेत्रा हैं| वह अनेक विद्याओं से घिरी हुई हैं|
उनके निकट डाकिनी-शाकिनी करबद्ध हैं| हाथों में ताम्बूल लिए नायिकाएँ खड़ी हैं| सिंहों के झुंड देवी कामख्या की वंदना कर रहे हैं| देवी के अमृत समान वचनों को सुनने के लिए देवी सरस्वती तथा लक्ष्मी भी उत्सुक रहतीं हैं| तीनों लोकों में पूजिता देवी कामख्या करुणामयी तथा मंगलकारिणी हैं|
कामाख्या वशीकरण मंत्र:
(ध्यान हेतु एक एक शब्द की समझ आवश्यक है, यद्यपि इसके मंत्र संस्कृत में भी उपलब्ध है तथापि साधक को अर्थ समझने में अवरोध न हो इसलिए ध्यान पक्ष का मंत्र हिन्दी में दिया गया है)
इसके बाद देवी की षोडशोपचार पूजन करें तथा निम्नलिखित 22 अक्षरों का मंत्र का जाप करें –
त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा|
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना गया है| इसकी सिद्धि से समस्त लौकिक अभीष्ट सिद्ध होते हैं| जाप से पूर्व किसी योग्य तांत्रिक से विमर्श अवश्य करें तथा उसी की सलाह से जाप की संख्या का संकल्प लें| जाप के उपरांत निम्नलिखित मंत्र के माध्यम से देवी की स्तुति करें –
कामाख्ये कामसंपन्ने, कामेश्वरी हर-प्रिया
कामनां देहिमे नित्यं, कामेश्वरी नमोस्तुते ।
कामदे काम-रूपस्थे, सुभगे सुरसेविते
करोमि दर्शनं देव्याः, सर्व-कामार्थ सिद्धये।
यह साधना कामाख्या में जाकर योग्य गुरु के निर्देशन में ही करना चाहिए|
साधना समाग्री : - -
कामाख्या यंत्र . गुटिका . मूँगे कु माला . सभी प्राण - प्रतिष्ठा युक्त मंत्र सिद्धि चैतन्य होना जरूरी हैं .
कामाख्या साधना:
यह साधना कहीं भी रहकर किया जा सकता है| यह अत्यधिक प्रभावशाली है| किसी भी कृष्ण पक्ष में नवमी को मध्य रात्रि (12 बजे) लाल आसन पर पूरब दिशा में मुख करके बैठें, सामने देवी कामाख्या की तस्वीर स्थापित करें| सिंदूर तथा तिल का तेल मिश्रितकर पानी वाले नारियल पर टीका लगाएँ तथा देवी को अर्पित करें|
ध्यान रखें नारियल की जटा को हटाना नहीं है| पंचोपचार विधि से पूजन करें| प्रसाद अर्पित करें| इसके बाद विधिवत हाथ में जल लेकर जाप के लिए संकल्प लें तथा निम्नलिखित मंत्र का इक्यावन माला प्रतिदिन तीन दिनों तक करें-
ऊँ त्रीं नमः
जाप के लिए मूँगे की माला उपयोग करें| तीन दिन के बाद जाप समाप्त होने पर नारियल किसी नदी में ससम्मान प्रवाहित कर दें|
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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