तूफानों से टक्कर लेने वाली बगुलामुखी देवी
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संसार में कोई साधना प्रयोग सफल हो न हो मगर बगुलामुखी देवी की साधना आज भी उतनी ही तीव्र है जितनी कि हजारो वर्ष पूर्व थी समय
के साथ साथ सभी साधना प्रयोगो में कुछ ना कुछ अंतर अवश्य आता है
और उनके मंत्रो में सुधार करना पड़ता है मगर कहना ही पड़ता है कि ये
साधना आज भी उतना ही पैनापन लिए हुए है इसमें रत्तीभर का फर्क न- ही पड़ा है हमारे जीवन में कोई न कोई परेशानी अवश्य ही लगीरहती है
संसार में कोई साधना प्रयोग सफल हो न हो मगर बगुलामुखी देवी की साधना आज भी उतनी ही तीव्र है जितनी कि हजारो वर्ष पूर्व थी समय
के साथ साथ सभी साधना प्रयोगो में कुछ ना कुछ अंतर अवश्य आता है
और उनके मंत्रो में सुधार करना पड़ता है मगर कहना ही पड़ता है कि ये
साधना आज भी उतना ही पैनापन लिए हुए है इसमें रत्तीभर का फर्क न- ही पड़ा है हमारे जीवन में कोई न कोई परेशानी अवश्य ही लगीरहती है
कोई न कोई शत्रु नया पैदा होता ही रहता है और हम प्रयास करके भी
छुटकारा प्राप्त नहीं कर सकते लिहाजा दिन पर दिन अंदर ही अंदर घुटते
रहते है कभी किसी तांत्रिक ,मांत्रिक ,ज्योतिषी के चक्कर लगाते रहते है ले -
किन हमें कही सफलता नहीं मिलती आज के वैज्ञानिक युग में सोचते है
कि मन्त्र,तंत्र जैसा कुछ होता नहीं है मगरअपने पडोसी को या अपने नज -दीक पहचान वालो को आगे बढ़ता हुआ देख जलने लगते है और किसी भी प्रकार उनको नुकसान करने कीकोशिश करते है ऐसे में वे किसी टोना टोटका
करने वाले व्यक्ति से कुछ ख़राब क्रियाएँ या कहे टोना ,टोटका करा देते है
यह टोना, टोटका करना -कराना तो बहुत ही आसान होता है मगर इस
तरह की क्रियाओ को समाप्त करना काफी कठिन होता है इस सब के चक्कर
में व्यक्ति उलझता जाता है कि उसका तन, मन , धन तीनो नष्ट होते रहते
है औरउसको मानसिक रूप से भी परेशानी रहने लगती है वह बेचारा ऐसे कुचक्र में फस जाता है मगर खुद उसे ही कुछ भी पता नहीं चलता शत्रु भी हमेशा पीठ पीछे वार पे वार किया करता है और हमें पता ही नहीं चलता ऐसे में हम करे भी तो क्या करे किस पर दोषारोपड करेकुछ समझ में नहीं आता ऐसे में लोग अक्सर किसी झड़ फूक करने वाले व्यक्ति में पद जाते है
छुटकारा प्राप्त नहीं कर सकते लिहाजा दिन पर दिन अंदर ही अंदर घुटते
रहते है कभी किसी तांत्रिक ,मांत्रिक ,ज्योतिषी के चक्कर लगाते रहते है ले -
किन हमें कही सफलता नहीं मिलती आज के वैज्ञानिक युग में सोचते है
कि मन्त्र,तंत्र जैसा कुछ होता नहीं है मगरअपने पडोसी को या अपने नज -दीक पहचान वालो को आगे बढ़ता हुआ देख जलने लगते है और किसी भी प्रकार उनको नुकसान करने कीकोशिश करते है ऐसे में वे किसी टोना टोटका
करने वाले व्यक्ति से कुछ ख़राब क्रियाएँ या कहे टोना ,टोटका करा देते है
यह टोना, टोटका करना -कराना तो बहुत ही आसान होता है मगर इस
तरह की क्रियाओ को समाप्त करना काफी कठिन होता है इस सब के चक्कर
में व्यक्ति उलझता जाता है कि उसका तन, मन , धन तीनो नष्ट होते रहते
है औरउसको मानसिक रूप से भी परेशानी रहने लगती है वह बेचारा ऐसे कुचक्र में फस जाता है मगर खुद उसे ही कुछ भी पता नहीं चलता शत्रु भी हमेशा पीठ पीछे वार पे वार किया करता है और हमें पता ही नहीं चलता ऐसे में हम करे भी तो क्या करे किस पर दोषारोपड करेकुछ समझ में नहीं आता ऐसे में लोग अक्सर किसी झड़ फूक करने वाले व्यक्ति में पद जाते है
और वह भी धीरे धीरे धन ऐंठता रहता है क्योकि सच बात यह है कि ऐसी
क्रियाओ को करना तो बहुत आसान है मगर पूर्णरूप से निदान कर पाना
इतना आसान काम नहीं है ऐसे में हमारे पास एक ही रास्ता बचता है कि
हम ऐसे सिद्धपुरुष को ढूढे जिसे बंगलामुखी सिद्ध हो मगर ऐसे योगी
सन्यासीमिलना बहुत कठिन कार्य है मुझे याद है किजब में साधक के रूप में साधना करता था तब गुरु मुख से सुनने को मिला था कि ऐसी साधना सीखने के लिए जीवन के पूरे दस साल लगा दिए मगर कोई भी पूर्णता से जानने वाला कोई सिद्ध पुरुष नहीं नहीं मिला साधना को प्राप्त करने के लिए हिमा- लय ,जंगलो ,पहाड़ो ,नगर -नगर गांवो मतलब कि कहा -कहा नहीं ढूढ़ा मगर निराशा ही हाथ लगी तब कही जाकर एक सिद्ध पुरुष से मुलाकात हुई यह सिद्धपुरुष ,झाँसी के पास दतिया के रहने वाले थे जब गुरू जी ने प्रमाण माँगा तो वे दूर एक खाली स्थान पर ले गए एक खम्बे पर कौआ बैठा था उन सिद्ध नेउस कौआ की औरदेखा कौआ भटाक से नीचे आ गिरा कहने का मतलब ये साधना इतनी तीव्र होती है कि कोई भी शत्रु आपके सामने खड़ा नहीं रह सकता इसी शक्ति के माध्यम से किसी भी प्रकार का तांत्रिक प्रयोग को या टोना टोटके को दूर किया जा सकता है इसके माध्यम से अनेक कार्य किये जा सकते है शेष आगे ---------
क्रियाओ को करना तो बहुत आसान है मगर पूर्णरूप से निदान कर पाना
इतना आसान काम नहीं है ऐसे में हमारे पास एक ही रास्ता बचता है कि
हम ऐसे सिद्धपुरुष को ढूढे जिसे बंगलामुखी सिद्ध हो मगर ऐसे योगी
सन्यासीमिलना बहुत कठिन कार्य है मुझे याद है किजब में साधक के रूप में साधना करता था तब गुरु मुख से सुनने को मिला था कि ऐसी साधना सीखने के लिए जीवन के पूरे दस साल लगा दिए मगर कोई भी पूर्णता से जानने वाला कोई सिद्ध पुरुष नहीं नहीं मिला साधना को प्राप्त करने के लिए हिमा- लय ,जंगलो ,पहाड़ो ,नगर -नगर गांवो मतलब कि कहा -कहा नहीं ढूढ़ा मगर निराशा ही हाथ लगी तब कही जाकर एक सिद्ध पुरुष से मुलाकात हुई यह सिद्धपुरुष ,झाँसी के पास दतिया के रहने वाले थे जब गुरू जी ने प्रमाण माँगा तो वे दूर एक खाली स्थान पर ले गए एक खम्बे पर कौआ बैठा था उन सिद्ध नेउस कौआ की औरदेखा कौआ भटाक से नीचे आ गिरा कहने का मतलब ये साधना इतनी तीव्र होती है कि कोई भी शत्रु आपके सामने खड़ा नहीं रह सकता इसी शक्ति के माध्यम से किसी भी प्रकार का तांत्रिक प्रयोग को या टोना टोटके को दूर किया जा सकता है इसके माध्यम से अनेक कार्य किये जा सकते है शेष आगे ---------
Note:-अगर आप योग से सम्बंधित किसी भी विषय पर जानना चाहते तो नीचे लिखे दिए दिये पते पर संपर्क करे |
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
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