अद्भुत सरस्स्वती साधना –ज्योतिष में रूचि रखने वालो के लिए ..
ज्योतिष तो वह शास्त्र हैं जिसे दिव्यतम कहा जा सकता हैं और प्राचीन ग्रंथो में इस शास्त्र के पंडितो को .मर्मज्ञों ज्योतिर्विद कहा जाता रहा हैं और यह उचित भी हैं क्योंकि जो आने वाले समय को आपके सामने रख दे पहले से पथ प्रदार्शित कर दे वह एक प्रकाश किरण ही तो हैं जिस भविष्य में अभी पर्दा पड़ा हुआ हैं उसे भी वह अनावृत करने का साहस रखे .. वह हैं ज्ञान ...
और आज परिणाम आपके सामने हैं हजारो की संख्यामे उच्च वर्ग के और पढ़े लिखे वर्ग के लोग भी विज्ञानं के प्रति न केबल दृष्टी कोण बदल रहे हैं बल्कि इसको सीखने के लिए आगे भी आ रहे हैं .
पर यह विज्ञानं चूँकि भविष्य से भी सबंध रखता हैं तो ज्योतिष का एक उच्च आचरण करने वाला हों चाहिए साथ ही साथ उसे कुछ ऐसी साधनों का भी ज्ञान होना चाहिए जो उसके भविष् कथन को बल प्रदान करे ..उसे अपने इष्ट की साधना का भी एक योग्य साधक होना ही चहिये .
एक बात जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैंकि उसे वाक् शक्ति संपन्न होना ही चहिये क्योंकि जो भी कथन उसके मुख से निकले वह निरर्थक न हो और सत्य भी हो .. इसके लिए सस्स्वती साधना से बढकर और क्या होगा ..
पर भगवती सरस्वती के भी अनेको मंत्र हैं और कौन सा मंत्र उसे जयादा खासकर ज्योतिष क्षेत्र में सहयोगी होगा इसका पता कैसे चले ...
हर साधना मंत्र भगवती सस्स्वती का मह्त्वपूर्ण हैं ही क्योंकि उनका ही मंत्र हैं पर यह जो मंत्र आपको दिया जा रहा हैं यह विशेष रूप से ज्योतिष क्षेत्र में काम करने वालो के लिए अद्भुत हैं .
पर भगवती सरस्वती के भी अनेको मंत्र हैं और कौन सा मंत्र उसे जयादा खासकर ज्योतिष क्षेत्र में सहयोगी होगा इसका पता कैसे चले ...
हर साधना मंत्र भगवती सस्स्वती का मह्त्वपूर्ण हैं ही क्योंकि उनका ही मंत्र हैं पर यह जो मंत्र आपको दिया जा रहा हैं यह विशेष रूप से ज्योतिष क्षेत्र में काम करने वालो के लिए अद्भुत हैं .
मंत्र :
ओम नमो ब्रह्माणी ब्रह्म पुत्री वद वद वाचा सिद्धिम कुरु कुरु स्वाहा||
साधनात्मक नियम :
ब्रम्ह महूर्त में सरस्स्वती मंत्र का जप मतलब सूर्योदय से दो घंटे पहले का बहुत उपयोगी माना गया हैं .
साधना काल में सफ़ेद वस्त्र और सफ़ेद आसन का ही प्रयोग करे और सफ़ेद हकीक माला से जप कहीं ज्यदा लाभ दायक होगा .
मंत्र जप संख्या १ लाख हैं इसमें दिन निर्धारित नही हैं , किसी भी शुभ महूर्त से मंत्र जप प्रारंभ कर सकते हैं और जब मंत्र जप पूरा हो जाये उसके बाद प्रतिदिन केबल एक माला मन्त्र जप ही पर्याप्त होगा .
यह मंत्र की साधना आपको ज्योतिष क्षेत्र में बहुत प्रवीणता दे सकती हैं अतः इस मंत्र जप को करने में लाभ ही लाभ हैं क्योंकि माँ सरस्वती का क्षेत्र तो बहुत विशाल हैं और उनकी कृपापात्रता मिल जाना कितना न सौभ्ग्दायक होगा .
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
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व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
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