Tuesday, August 20, 2019

माँ धूमावती सत्रु विनासक प्रयोग






माँ धूमावती सत्रु विनासक प्रयोग






यह प्रयोग अत्यंत भय कारक है। विचार पूर्वक इस मंत्र का जप करना चाईए।। बिना गुरु के इस प्रयोग को करना अत्यंत नुकसान पहुचा सकता है।।।

मंत्र:::---

धूम धूम धूमावती। मसान में रहती मरघट जगाती। सूप छानती जोगनियो के संग नाचती। डाकनियो के संग मास खाती। मेरी बैरी -------का भी तू मास खाये।कलेजा खाये,लहू पिये प्यास भुजाएँ। मेरी बैरी तड़पा तड़पा मार।ना मारे तो तोहू को माता पारवती के सिंदूर की दुहाई। कनिपा औघड़ की आन।

विधि विधान::::---

एक छोटा सुप ले। थोड़ा सा  शराब और बकरे का कच्चा मास ले। अमावस्या की रात्रि में समशान जाए। वही एक कफन का टुकड़ा ले तथा जलती चिता के समक्ष बैठे । सुरक्षा घेरा लागये।।।

इस मंत्र की 11 माला करे। जप के बाद मंत्र को पढ़ते हुए चिता की राख को मुठी मे ले।

राख में थोड़ी शराब मिलाए तथा उसका एक लेप बना ले उसके बाद कफन के टुकड़े पे अपनी तर्जनी उंगली से मंत्र लिखे । 

रिक्त स्थान पे सत्रु का नाम लिखना है। फिर उसपर बकरे के मास का टुकड़ा रखें। चार तह बना ले फिर सूप मे मास रख कर उसमे बाकी शराब डाल दे। 

और मंत्र बोल कर सूप को चिता पे रख दे और कफन का टुकड़ा लेकर सत्रु के यह डाल दे या घर के बाहर डाल दे छोटी सी टुकड़ा बना कर। सत्रु नाश उसी दिन से हो जाएगा।।


चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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