लौंग मोहिनी मंत्र
ऊं नमः आदेश गुरु का
लौंग-लौंग तू मेरा भाई, तुम्हारी शक्ति चलाई
पहली लौंग राती-बाती दूजी लौंग जीवन माती
तीजी लौंग अंग में राखे चौथी लौंग दुई कर जोड़े
चारो लौंग जो मेरी खाय, अमुक झट मेरे पास आय
आदेश देवी कामरू कामाख्या की दुहाई फिरै।
उपर्युक्त मंत्र से चार लौंग सात बार अभिमंत्रित कर जिस व्यक्ति को भी खिलाई जाए, वह मोहित हो जाता है।
इसके सफल प्रयोग के लिए पहले इस मंत्र को सिद्ध कर लेना जरूरी होता है। सिद्धि के लिए साधना रविवार से आरंभ करें और दीपक जलाकर निरंतर 21 दिन तक नित्य प्रति 21 मंत्रों का जप करें। इस साधना में कोई व्यवधान न हो इतना ध्यान रखना चाहिए
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
दक्षिणा शुल्क 1500 रू +डाक व्यय
विशेष -
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राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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