Sunday, August 18, 2019

ब्रम्हास्त्र साधना -







ब्रम्हास्त्र साधना -


'   शिव अघोर ध्यान मंत्र "

महास्य माहिकर्णम्मच चंद्रसूर्याग्निलोचनं 

संदष्ट्रं तं  महाजिह्व मूध्र्व वक्त्रं  विचिन्तयेत '

शिव अघोर ब्रम्हास्त्र मंत्र -

ॐ अघोर रुपे श्रीब्रम्ही अवतर -अवतर ब्रम्हास्रं देहि में देहि स्वाहा। .. 

विधि - 

ब्रम्ह अस्त्र साधना  या फिर पशुपतास्त्र  एवं सिद्धि  बहोत ही जटिल प्रकार की साधना कही जाती हैं ब्रह्मांड में तीन अस्त्र सबसे बड़े माने गए  हैं।.. 

पहला पशुपतास्त्र।।

 दूसरा नारायणास्त्र। .

 एवं तीसरा ब्रह्मास्त्र। .. 

इन ..तीनों में से यदि कोई भी एक  अस्त्र मनुष्य को सिद्ध हो जाए...  तो उसके सभी कष्टों का दमन हो जाता है।... उसके समस्त कष्ट ..समाप्त हो जाते हैं। परंतु इन मंत्रो की सिद्धि प्राप्त करना इतना  सरल नहीं है।

... यदि आपमें कड़ी साधना करने का साहस अथवा  धैर्य नहीं है तो ये साधना आपके लिए  बिलकुल भी नहीं है।  मित्रों।

 . .. किसी भी प्रकार की साधना करनेके लिए मनुष्य के भीतर साहस धैर्य और मनोबल मजबूत होना अति आवश्यक   है।

.तभी आप इन साधनाओ को प्राप्त कर सकते हैं। .. इसमें कोई संदेह नहीं

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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