तांत्रिक बनना है तो ये जरूर पढ़े
आज हम आपको तंत्र मंत्र से जुड़े कुछ मंत्र बताने जा रहे है जिस का उपयोग कर आप बन सकते है एक बहुत बड़े तांत्रिक लेकिन ध्यान रहे इस मंत्र का उपयोग कभी गलत मत करना वरना हो सकता है भरी नुकशान , चलो चलते है पूरी खबर की और बताते है क्या है मामला आजकल काला जादू मान कर लोग इससे डरते हैं।
लेकिन शास्त्रों में तंत्र को विज्ञान मान कर इसका पूरा एक विधि-विधान बताया गया है जिसके आधार पर प्राकृतिक शक्तियां कार्य करती हैं। तंत्र के जानकारों के अनुसार इस विद्या का उदगम प्राचीन पुस्तकों में दिया गया है। आज हम आपको तंत्र से जुड़ी कुछ ऐसे ही तथ्य बताने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे। तो खबर थोड़ा ध्यान से पढ़े
आप को बता दे की तंत्र का ज्ञान सबसे पहले शिव भगवान ने दिया। और उन्होंने ही विश्व कल्याण हेतु तंत्र, मंत्र तथा यंत्रों की रचना की थी। और तो और आगे चल कर तंत्र को तीन भागों आगम, यामल तथा तंत्र में बांट दिया गया।फिर कालान्तर में तंत्र में वाममार्ग, दक्षिण मार्ग तथा मध्यम मार्ग भी प्रचलित हो गए।
ये बात जरूर जान ले की तंत्र साधना में मोहनं, स्तंभनं,विद्वेषण, उच्चाटन, वशीकरण तथा मारण नामक छह षटकर्म बताए गए हैं। इन षटकर्मों का उपयोग कभी भी किसी के अहित के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इस षटकर्मों के अलावा योग विद्या, रसायन शास्त्र को भी तंत्र विज्ञान का ही एक भाग माना गया है।
आप को बता दे की मन की एकाग्रता के साथ-साथ लयात्मक मंत्रों का उपयोग होता है। साधक अपने इष्टदेव से जुड़े मंत्रों के जाप तथा मन की एकाग्रता से तंत्र द्वारा मनचाहे कार्य करवाने की क्षमता विकसित कर लेता है।
वैसे तो बहुत से लोग तंत्र का प्रयोग सिद्धियां प्राप्त कर शक्तिशाली बनने के लिए करते हैं। पर आजकल इसके लिए कई लोग यक्ष साधना, भूत-प्रेत वश में करना, जिन्न वश में करना जैसे प्रयोग भी करते हैं जो गलत है।बता दे की बिना उचित मार्गदर्शन के तंत्र प्रयोग करने वाले लोग या तो मानसिक विभ्रम के चलते अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं या फिर निराश हो जाते हैं।
निश्चय ही अगर साधना पूर्ण मनोभाव और समर्पण के साथ कि जाये तो साधक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते है.और जीवन को एक नविन दिशा मिलती ही है.तो अब देर कैसी आज ही संकल्प ले और साधना के लिए आगे बड़े.
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 09958417249
No comments:
Post a Comment