दुश्मनों का होगा नाश देवी बगलामुखी करेंगी बेड़ापार
सर्वाबाधा प्रशमनम् त्रैलोकस्याखिलेश्वरी एवमेव त्वया कार्यमस्म वैरिविनाशनम्
देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। ज्योतिष शस्त्र के अनुसार माता बगलामुखी का संबंध ग्रह वृहस्पति अर्थात गुरु से है।
देवी बगलामुखी का वर्ण पीला है जो गुरु वृहस्पति को संबोधित करता है। ऐसी मान्यता है देवी बगलामुखी की उपासना शत्रु बाधा से मुक्ति के लिए की जाती है।
कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार जातक की कुण्डली में देव गुरु वृहस्पति का पक्का स्थान बारहवां है और वेधा स्थान छठा है तथा वो आठवें स्थान में अनिष्टकारी फल देते हैं।
अतः ये तीनों स्थान कुण्डली के त्रिक भाव कहे गए हैं। कुण्डली का बारहवां स्थान व्यक्ति के खर्चों और गुप्त शत्रुओं को संबोधित करता है। कुण्डली का छठा स्थान शत्रु और रोगों को संबोधित करता है तथा कुण्डली का आठवां स्थान मृत्यु को संबोधित करता है।
देवी बगलामुखी की साधना से व्यक्ति को शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है, धन हानी से छुटकारा मिलता है और रोगों का शमन होता है तथा साधक के प्राणों की रक्षा होती है।
मंत्र:
ॐ ह्लीँ बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचम् मुखम् पदम् स्तंभय जिह्ववाम् कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीँ फट स्वाहा।
रुद्रमाल तंत्र अनुसार माता बगलामुखी शिव की अर्धांगिनी हैं तथा पीत वरण (पीले रूप) में इन्हें बगलामुखी और भगवान शंकर को बाग्लेश्वर कहा जाता है। इनका बीज मंत्र है "ह्लीँ" इसी बीज से देवी दुश्मनों का पतन करती है।
देवी
बगलामुखी की साधना को दुशमनों का सफाया करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। बगलामुखी माता अपने भक्तों के शत्रुओं की बोलती बंद कर देती हैं जिससे वो भक्तों के विरूद्ध कुछ बोल नहीं पाते और दुश्मनों के सोचने विचरने की शक्ति का भी हनन कर देती हैं।
जिससे विरोधी भक्तों के बारे मे कोई षडयंत्र भी नहीं रच पाते। मां बगलामुखी का यंत्र मुकदमों में सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
ऐसा शास्त्रों में वर्णन हैं की इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में समर्थ है। देवी बगलामुखी की साधना से भक्तों की दुष्टों से रक्षा होती है तथा मुकदमे और कोर्ट केस में जीत मिलती है।
देवी बगलामुखी से संबंधित अचूक उपाय
1. देवी बगलामुखी के चित्र के आगे पीले कनेर के फूल चढाएं।
2. गुरुवार के दिन 8 ब्राहमणों को इच्छानुसार चना दाल दान करें।
3. सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर देवी बगलामुखी के चित्र के आगे दीपक जलाएं।
4. सैंधें नमक से देवी बगलामुखी का "ह्लीं शत्रु नाशय" मंत्र से हवन करें।
5. लाल धागे में 8 नींबू पिरोकर देवी बगलामुखी के चित्र पर माला चढ़ाएं।
6. देवी बगलामुखी के चित्र के आगे पीली सरसों के दाने कर्पूर में मिलाकर जलाएं।
7. गुरुवार के दिन सफ़ेद शिवलिंग पर "ह्लीं बाग्लेश्वराय" मंत्र बोलते हुए पीले आम के फूल चढ़ाएं।
8. शनिवार के दिन काले रंग के शिवलिंग पर हल्दी मिले पानी से अभिषेक करें।
9. सफ़ेद शिवलिंग पर "ॐ ह्लीँ नमः" मंत्र का उच्चारण करते हुए शहद से अभिषेक करें।
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम ( राजयोग पीठ ) ट्रस्ट
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
08601454449
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
No comments:
Post a Comment