Friday, March 27, 2020

धूमावती साधना एवं कुछ गोपनीय सूत्र





धूमावती साधना एवं कुछ गोपनीय सूत्र


हम हमेशा कई प्रकार की साधनाए करते रहते है।परन्तु सफलता न मिल पाने के कारण हम निराश हो जाते है।और हो भी क्यों न,परिश्रम में सफलता न मिलने से निराशा तो स्वभाविक है।सफलता न मिलने के दो कारण होते है।

प्रथम :

 साधना में उर्जा की कमी होना तथा समर्पण न होना।

द्वितीय :

 साधना के गुप्त सूत्रों का ज्ञान न होना जिससे की सफलता की सम्भावना बढ जाती जाती है।

उर्जा पर हम फिर कभी चर्चा करेंगे।आज हम माँ धूमावती की साधना में प्रयोग होने वाले कुछ गोपनीय सूत्रों पर चर्चा करेंगे।

कई साधक माँ धूमावती की साधनाए करते है,लाखो की संख्या में जाप करते है। किन्तु मंत्र की उर्जा का उन्हें अनुभव नहीं होता है। कार्य सिद्धि के लिये भी कई साधक धूमावती की साधना करते है लेकिन कार्य सिद्ध नहीं हो पाता है। किन्तु कुछ गुप्त प्रयोग है जिन्हें आप संपन्न करके सफलता के निकट पहुच सकते है।

१- साधना के पहले किसी भी दिन शमशान की मिट्टी में शमशान की भस्म मिलायी जाये,ये संभव न हो तो कोई भी भस्म ले और शिव मंदिर की मिट्टी ले।उसमे गुलाब जल और सामान्य जल मिलाकर एक लड्डू की तरह या अंडाकार पिंड का निर्माण कर ले।

और उस पर काजल से बीज मंत्र " धूं " लिखे ये सारी क्रिया आपको रात्रि में करनी है।और एकांत कक्ष में करनी है।हा भस्म और मिट्टी आप दिन में ला सकते है।

परन्तु उसे बाहर ही रखे,प्रयोग के समय कक्ष में लाये।अब दक्षिण मुख होकर बैठ जाये आसन वस्त्र सफ़ेद हो।सामने बजोट पर सफ़ेद वस्त्र बिछाकर पिंड स्थापित करदे।अब पिंड पर अक्षत अर्पण करे निम्न मंत्र बोलते हुए।

ॐ धूम्र शिवाय नमः

अब कोई भी भस्म अर्पण करे निम्न मंत्र बोलते हुए

ॐ धूं धूं ॐ

अक्षत तथा भस्म २१ बार अर्पण करने है मंत्र बोलते हुए।
अब तील के तेल का दीपक प्रज्वलित करे,और किसी भी धुप बत्ती के द्वारा धुआ करे।अब आप धूमावती की जिस साधना में सफलता के लिये ये प्रयोग कर रहे है उसका संकल्प ले।और पिंड की और देखते हुए ३० मिनट तक निम्न मंत्र का जाप करे

ॐ धूं धूं धूमावती फट

इसके बाद उसी कपडे में पिंड को बांधकर शमशान में फेक आये या किसी निर्जन स्थान में रख दे पीछे मुड़कर न देखे।साधना के मध्य कोई अनुभव हो तो डरे नहीं।फिर आप जब चाहे कोई भी धूमावती साधना करे सफलता आपके समक्ष होगी।

२- शमशान से कोई सफ़ेद वस्त्र ले ले,जिसे शव पर ओढाया जाता है।उस पर वही की भस्म या कोयले के द्वारा निम्न मंत्र लिख कर उस कपडे को बहते जल में बहा दे या पीपल वृक्ष के निचे रख दे।

धूं धूं धूमावती ठः ठः

यदि आपको शमशान का कपडा न मिले तो कोई भी नया सफ़ेद वस्त्र लेकर शमशान भूमि से स्पर्श करा ले और उस पर काजल से मंत्र लिखकर ये क्रिया कर ले।

३- यदि आसन के निचे कोए का पंख रख लिया जाये,या सामने रख लिया जाये तो सफलता की सम्भावना बढ जाती है।

यु तो और भी कई गोपनीय सूत्र है परन्तु ये मेरे स्व अनुभूत है।

किसी और के अनुभव मुझसे अलग हो सकते है।द्वितीय प्रयोग आप तब भी कर सकते है जब कोई शत्रु तंग कर रहा हो,या कोई ऐसी इच्छा जो प्रयत्न करने पर भी पूर्ण न हो रही हो तब भी आप वस्त्र को कामना बोलते हुए बहा सकते है।

इन तीन गुप्त प्रयोगों को करने के बाद आप धूमावती साधना करे।माँ की कृपा से सफलता आपको अवश्य मिलेगी।

जय माँ

चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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