नखनिया तन्त्र -
(मनोवांछित धनप्राप्ति की अद्भुत साधना)
वस्तुतः नखनिया तंत्र एक पूर्ण तंत्र है जिसके द्वारा धन और ऐश्वर्य तो चुटकियों में प्राप्त किया जा सकता है और कई असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है ,
आज उन्ही में से एक और विलक्षण प्रयोग मैं यहाँ दे रहा हूँ ,य मात्र 21 रात्रि का अर्थात दीपावली या किसी भी अमावस्या का प्रयोग है l
जीवन के समस्त आर्थिक अभावों को इस 21 दिवसीय प्रयोग के माध्यम से दूर किया जा सकता है , दीपावली की रात्री को महानिशीथ काल में (११l२४ से १२l४८) उत्तर दिशा की और मुह करके लाल वस्त्र धारण कर के लाल आसन पर बैठ जाये और सामने जमीन पर सफ़ेद कपडा बिछाकर उस पर कुमकुम के द्वारा निम्न यन्त्र अनामिका ऊँगली के द्वारा बनाये यन्त्र बनाते समय
“ॐ लक्ष्म्यै नमः”
मंत्र का उच्चारण करते रहे l
याद रखने योग्य तथ्य ये है की यन्त्र के खाने चाहे कही से बनाये परन्तु यंत्र में अंक १ ,२,३,४ इसी क्रम से भरना है ये आदि क्रम है ,और लक्ष्मी स्थायित्व में इसी क्रम का प्रयोग होगा l अब इसी प्रकार जहाँ १ लिखा है वहाँ ७ फूल वाली लौंग रख दे ,जहाँ २ लिखा है वहाँ ३ इलायची ,जहाँ ३ लिखा है वहाँ ७ काली मिर्च ,
४ – थोड़े से काले तिल
५ – थोड़ी सी पीली सरसों
६ – थोड़ी सी काली सरसों
बाकी जगह पर अलग अलग रुपयों के सिक्के जैसे १,२,५ या १० रूपये के १-१ सिक्के
८
१
६
३
५
७
४
९
२
इसके बाद निम्न मन्त्र का १५ मिनट तक उच्चारण करते हुए सभी सामग्रियों पर कुमकुम अर्पित करे और तिल के तेल का दीपक lलाल पुष्प और गेंहू के आटे का हलवा भोग लगावे
मंत्र-
लक्ष्मी तू नखनिया कहावे बिष्णु तेरो भरतार,बैरी तोड़े दरिदर तोड़े,तोड़े कष्ट हजार
हजार दुःख दुनिया का तोड़े ,एक दुःख मेरा भी तोड़ ,भर दे धन झोली करतार ,
जो ना भरे तो बिष्णु की दुहाई ,शक्ति की लाज राखे ,छू
और इसके बाद १ घंटे तक स्थिर भाव होकर निम्न नखनिया मंत्र का जप करे ,यदि कमलगट्टे की या मूंगे की माला हो तो अतिउत्तम है अन्यथा वैसे ही जप करे l
मंत्र -
ॐ श्रीं सर्व सौभाग्य ह्रीं आकस्मिक धन सिद्धिम् देहि देहि नमः
दूसरे दिन सुबह सभी सामग्री को उसी कपड़े में थोड़े और पैसे डालकर और लपेट कर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दे ,प्रति शुक्ल पक्ष की अष्टमी को इस पोटली को खोलकर इस में बगैर देखे थोड़े से और पैसे डाल कर लपेट दे और धुप बत्ती दिखाकर वापिस रख दे lयाद रखना की पोटली के भीतर नहीं झांकना है है,
इसलिए उसे थोडा सा ही खोले और थोड़े से पैसे डाल कर पुनः लपेट दे l
अगली दीपावली या जब १ वर्ष पूरा हो जाये तो किसी भी नदी में ले जाकर उस पोटली का विसर्जन करदे और विसर्जन के पहले पैसे निकाल कर किसी मंदिर में या कुमारियों को भेंट में दे देl
इस प्रकार आप प्रत्येक वर्ष इस प्रयोग को कर सकते हैंl और जब तक ये पोटली आपके घर में रहेगी आपको कभी भी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा ,लगातार आपको आकस्मिक धन की प्राप्ति होती रहेगी और प्रचुर धन प्राप्ति का जरिया बना रहेगा lनवीन स्रोत का निर्माण होता जायेगा lऔर ऐश्वर्य भाव को स्थायित्व प्राप्त होगा l
यदि इसी यन्त्र का निर्माण किसी सफ़ेद वस्त्र पर करके उसकी थैली बनवा ली जाए और पुनः उसके ऊपर यंत्र बनाकर पूर्वोक्त विधान कर लिए जाये परन्तु ये मन्त्र जप १४ दिनों तक नित्य १०१ माला करना होगा और अंतिम दिवस ऊपर जो सामग्री रखी हुयी हो उसे झोली के अंदर डाल दिया जाये और हर शक्ल पक्ष की अष्टमी को उस झोली में धन राशि डालते चला जाये तो भविष्य में जितने भी धन की जरुरत आपको हो उतना धन आप उस थैली में से निकाल सकते हैं,
परन्तु ना ही तो आप उस थैली में झांकेंगे और ना ही उसे धन से रिक्त करेंगे,फिर देखिये आप इस अद्भुत साधना का चमत्कार l
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है
विशेष -
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राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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