हनुमान जी का नवग्रह बाधा निवारण प्रोयोग !!
सम्पूर्ण जगत नव ग्रह के आधीन हैं, और जो भी अच्छा या बुरा, हानि लाभ जीवन मरण, यश अपयश जो भी होता हैं ! उसको सामने लाने में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता हैं,
अब यह तो सर्व भौमिक तथ्य हैं की जब भी सूर्य में सौर कलंको का समय आता हैं पर हमारी धरती पर अनेको उथल पुथल कारक घटनाये घटने लगती हैं !
पिछले सैकड़ों सालो का इतिहास इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं ! ग्रह ही राज्य देते हैं और ग्रह ही राज्य का भी हरण करते हैं ! .
वास्तव में ग्रह तो एक उत्प्रेरक का कार्य करते हैं और मानव मात्र के जैसे कर्म फल हैं उनको सामने लाने का कार्य करते हैं ज्योतिष में नव ग्रह और कुडली का योगदान तो सर्व विदित हैं
एक कुशल ज्योतिषी अपने अनुभव और सटीक विश्लेषण से आपके जीवन के भूतकाल या भविष्य काल रहस्य को आपके सामने रखने का प्रयास करता हैं ! जीवन में आने वाली हर वाधा के पीछे इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता हैं !
और जब कोई भी उपाय काम न दे रहा हो फिर वह चाहे साधना में सफलता न मिल पाना हो या कोई और बात तो फिर गृह अनुकूलता पर ध्यान देना ही चाहिए ! पर क्या हम इन सबका परिणाम सिर्फ सहन करते जाए क्या कोई रास्ता नहीं हैं !
तो साधना एक ऐसा तरीका आपके सामने रखती हैं जिसके माध्यम से आप अपने कितने न विगत जन्मो के अर्जित कर्म फल को कम कर सकते हैं ! और अपने जीवन में अनुकूलता लायी जा सकती हैं ! और यह संभव होता हैं नव गृह की अनुकूलता से एक ऐसा ही प्रयोग जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा ! भगवान् हनुमान की सामर्थ्य तो जग विख्यात हैं, और उनकी कृपा से तो जीवन की समस्त वाधाओ का निर्मूलन होता हैं !
साधना के नियम इस प्रकार हैं:-
१.लाल आसन पर लाल वस्त्र धारण कर के बैठे !
२. दिशा पूर्व या उत्तर कोई भी हो सकत
३. प्रात: काल का समय कही जयादा अच्छा होगा !
४. जप लाल मूंगा की माला से करे और सामने सदगुरुदेव और हनुमान जी का चित्र अवश्य हो !
५. सदगुरुदेव का पूजन कर उनसे मानसिक आज्ञा प्राप्त कर ले किसी भी मगलवार या शनिवार से यह प्रयोग प्रारंभ कर सकते हैं !
और आपको सवा लाख मंत्र जप करना हैं इसमे दिन निर्धारित नहीं हैं फिर भी ११ या २१ दिनों में करे फिर जाप का दसवा हिस्सा हवन करना हैं अगर यह नहीं हो पाए तो जितना मंत्र जप किया हैं उसका एक चौथाई मंत्र जप और कर सकते हैं !
6.साधना काल में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे !
मंत्र :-
ॐ ह्राँ सर्व दुष्ट ग्रह निवारणाय स्वाहा ||
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
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(रजि.)
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