तंत्र साधना
आज कल एक दिन में होने वाली साधनाओ का अधिक प्रचार हो रहा है
जहॉ देखो वहॉ यही बात देखने सुननै को मिल रही है कि यक्षिणी ,अप्सरा ,जिन्न ,चुडैल आदि साधना एक दिन में सिद्ध कर लो
ये टोटका कर लो जिन्न हाजिर हो जायेगा
और जाने क्या क्या
तंत्र मैं एक दिन में सिद्ध होने वाली साधनाये है यै सही है लेकिन ये साधना सिद्ध साधको के लिये है
कोई येसा साधक जो नया है वो कभी भी एक दिन में परी अप्सरा या यक्षणी को प्रत्यक्ष सिद्ध करके वचन नही कर सकता ये असम्भव है
जैसे एक आपेरशन को करने में डाक्टर को महज तीन घण्टै लगते है लेकिन इस तीन घण्टे मै करने वाले आपरेशन को सीखने के लीये उसे वर्षो मेहनत करनी पडती है तब वो तीन घण्टै मे कर पाता है
अब अगर कोई कल मेडिकल कालेज में दाखिला लेकर ये कहे कि में तीन घण्टै मैं आपरेशन कर सकता हू तो क्या ये सम्भव हो पायेगा
नही
लेकिन तंत्र मे हम ये समझते है कि बस ये साधारण सा टोटका कर देने से फलानी सिद्धि प्राप्त हो जायेगी तो ये हमारी निरी मूर्खता है
सिद्धि पाना इतना आसान होता तो आज घर घर में तॉत्रिक होते
इसलिये किसी गुरू के समीप बैठकर तंत्र को समझो और फिर उनके निर्देशन मे साधना करो
मेरा मानना है कि यदि किसी नये साधक को यदि चालीस दिन में भी प्रत्यक्षीकरण होकर सिद्धि मिल जाये तो बहुत सौभाग्य की बात है
रही एक दिन मे सिद्ध होने वाली साधनाओ के बारे में तो ये अधिकतर सिद्ध पुरूषो के लिये है
क्योकि ज्यादातर अप्सरा यक्षणी योगिनी जो एक दिन मे सिद्ध होती है वे सिर्फ भोग भोगने के लिये होती है
जिने मै वेश्याओ का दर्जा देता हू जिनका काम केवल शरीर की सन्तुष्टि देना ही है
और कुछ नही
नये साधको को इस तरह की साधनाओ से दूर रहना चाहिये
हमें सबसे पहले गुरूमंत्र को जाप करके तप शक्ति बढानी चाहिये
फिर विधिवत साधना करनी चाहिये
एक बार में यदि किसी कारण वश सफलता ना मिले तो दुबारा तिबारा कोशिश करनी चाहिये
याद ऱखिये लगातार जाप साधन एक दिन सफल होकर रहता है
असफलता मिलने पर गुरू ,इष्ट ,या अपने मंत्र और अपने आप पर से विश्वास नही डगमगाने देना चाहिये
क्योकि विश्वास ही सफलता का दूसरा नाम है
तंत्र में अपने आप से झूठ मत बोलिये
कोई भी कैसा भी भ्रम मत पालिये
शक करने की आदत से दूर रहिये
गुरू चरणो मे बैठकर जिज्ञासा शान्त करना अलग बात है लेकिन फालतू के तर्क देकर अपने को श्रैष्ठ सिद्ध करना अलग बात है
तंत्र की बारीकियॉ समझ कर साधना करने से सफलता जल्दी मिलती है
किसी भी तरह का भय पास नही फटकने देना चाहिये
याद रखिये हम जिस दैव का पूजन जाप करते है उसकै गुण हमारे अन्दर आने लगते है
इसलिये तामसिक पैशाचिक साधना से यथा सम्भव दूर रहना चाहिये
तंत्र का प्रथम नियम है कि ये पूर्ण गुप्त रखा जाता है इसलिये गुरू को छोडकर किसी के साथ साधना के अनुभव शेयर नही करने चाहिये
क्योकि कई बार कुछ बाते गुरू से भी बताने के लिये देव मना कर देते है
तो विश्वास कीजिये और साधना में सफल हों
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चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ । बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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