Friday, September 20, 2019

कुदरत का करिश्मा श्वेतार्क गणपति,व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वहां श्वेतार्क गणपति करते है हर बाधा को दूर




कुदरत का करिश्मा श्वेतार्क गणपति,व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वहां श्वेतार्क गणपति करते है हर बाधा को दूर 


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शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है- "जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है, उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है। जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी, वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी। इस प्रकार मदार का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक एवं समृद्धिदाता है।

सफेद मदार की जड़ में गणेशजी का वास होता है, कभी-कभी इसकी जड़ गणशेजी की आकृति ले लेती है। इसलिए सफेद मदार की जड़ कहीं से भी प्राप्त करें और उसकी श्रीगणेश की प्रतिमा बनवा लें। 

उस पर लाल सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र पर स्थापित करें। यदि जड़ गणेशाकार नहीं है, तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई जा सकती है। शास्त्रों में मदार की जड़ की स्तुति इस मंत्र से करने का विघान है-

चतुर्भुज रक्ततनुंत्रिनेत्रं पाशाकुशौ मोदरक पात्र दन्तो।
करैर्दधयानं सरसीरूहस्थं गणाधिनाभंराशि चूùडमीडे।।
गणेशोपासना में साधक लाल वस्त्र, लाल आसान, लाल पुष्प, लाल चंदन, मूंगा अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। नेवैद्य में गुड़ व मूंग के लड्डू अर्पित करें। 

"ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्" 

मंत्र का जप करें। श्रद्धा और भावना से की गई श्वेतार्क की पूजा का प्रभाव थोड़े बहुत समय बाद आप स्वयं प्रत्यक्ष रू प से अनुभव करने लगेंगे।

तन्त्र शास्त्र में श्वेतार्क गणपति की पूजा का विधान है | यह आम लक्ष्मी व गणपति की प्रतिमाओं से भिन्न होती है | यह प्रतिमा किसी धातु अथवा पत्थर की नहीं बल्कि जंगल में पाये जाने वाले एक पोधे को श्वेत आक के नाम से जाना जाता है | इसकी जड़ कम से कम २७ वर्ष से जयादा पुरानी हो उसमें स्वत: ही गणेश जी की प्रतिमा बन जाती है |

 यह प्रक्रति का एक आश्चर्य ही है | श्वेतक आक की जड़ (मूल ) यदि खोदकर निकल दी जाये तो निचे की जड़ में गणपति जी की प्रतिमा प्राप्त होगी | इस प्रतिमा का नित्य पूजन करने से साधक को धन-धान्य की प्राप्ति होती है | यह प्रतिमा स्वत: सिद्ध होती है | 

तन्त्र शास्त्रों के अनुसार ऐशे घर में यंहा यह प्रतिमा स्थापित हो , वंहा रिद्धी-सिद्ध तथा अन्नपूर्णा देवी वस् करती है | श्वेतार्क की प्रतिमा रिद्धी-सिद्ध की मालिक होती है | जिस व्यक्ति के घर में यह गणपति की प्रतिमा स्थापित होगी उस घर में लक्ष्मी जी का निवास होता है तथा जंहा यह प्रतिमा होगी उस स्थान में कोई भी शत्रु हानी नहीं पहुंचा सकता |

 इस प्रतिमा के सामने नित्य बैठकर गणपति जी का मूल मन्त्र जपने से गणपति जी के दर्शन होते हैं तथा उनकी क्रपा प्राप्त होती है |

श्वेतक आक की गणपति की प्रतिमा अपने पूजा स्थान में पूर्व दिशा की तरफ ही स्थापित करें | ' ओम गं गणपतये नम:' मन्त्र का प्रतिदिन जप करने | जप के लिए लाल रंग का आसन प्रयोग करें तथा श्वेत आक की जड़ की माला से यह जप करें तो जप कल में ही साधक की हर मनोकामना गणपति जी पूरी करते हैं |

व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा की स्थापना करें।

श्वेतक आक गणपति एक दुर्लभ प्रकतिक उपहार

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जंगल में पाये जाने वाले एक पोधे को सफेद आक के नाम से जाना जाता है | इसकी जड़ पुरानी हो तो उसमें स्वत: ही गणेश जी की प्रतिमा बन जाती है | यह प्रक्रति का एक आश्चर्य ही है | श्वेतक आक की जड़ (मूल ) यदि खोदकर निकल दी जाये तो निचे की जड़ में गणपति जी की प्रतिमा प्राप्त होगी | 

इस प्रतिमा का नित्य पूजन करने से साधक को धन-धान्य की प्राप्ति होती है | यह प्रतिमा स्वत: सिद्ध होती है | तन्त्र शास्त्रों के अनुसार ऐशे घर में यंहा यह प्रतिमा स्थापित हो , वंहा रिद्धी-सिद्ध तथा अन्नपूर्णा देवी वस् करती है ,

श्वेतक आक गणपति पूजन विधि:

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श्वेतक आक गणपति की प्रतिमा रवि पुष्य या गुरु पुष्य जैसे शुभ मुहूर्त पर प्राप्त करके गंगा जल में स्नान करवा कर लाल संदुर का लेप करे ,अब गणपति जी को पूर्व दिशा में लाल कपड़े पर ही स्थापित करें, उसके बाद गणपति पर षोडश उपचार से पूजन कर . इसके बाद प्रतिदिन नीचे लिखे मन्त्र की एक माला जाप करे:-

ऊँ गं गणपतये नमः

जप के लिए लाल रंग का आसन प्रयोग करें |

पूजन लाभ:

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आपके सभी प्रकार के रोगों का नाश होगा, सौभाग्य में वृद्धि होगी, चेहरे पर तेज, कांति व चमक शोभायमान होती है। 

साथ ही साथ यदि किसी भी तरह का वशीकरण या फिर तांत्रिक प्रयोग किया हुआ हो तो उसका भी नाश होकर परिवार में सुख-समृद्धि व शांति का वास होकर माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है। 

ऐसा करने से आपके घर में हमेश के लिए गणपति की असीम कृपा के साथ-साथ रिद्धि-सिद्धि का वास होगा।

चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

       राजगुरु जी 
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

 (रजि.)

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