Sunday, September 22, 2019

आद्यशक्ति मां काली की 64 योगिनियां







आद्यशक्ति मां काली की 64 योगिनियां







प्राचीन तंत्र शास्त्र में 64 योगिनियां बताई गई हैं। कहा जाता है कि ये सभी आद्यशक्ति मां काली की ही अलग-अलग कला है। इनमें दस महाविद्याएं तथा सिद्ध विद्याएं भी शामिल हैं।

 तंत्र के अनुसार घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए मां आद्यशक्ति ने 64 रुप धारण किए थे, जो कालांतर में 64 योगिनी कहलाईं। तंत्र शास्त्र में किसी भी महाविद्या का पूजन आरंभ करने से पूर्व 64 योगिनियों को सिद्ध करने का विधान बताया गया है।

 इन्हें सिद्ध करने के बाद विश्व में ऐसा कोई काम नहीं जो साधक नहीं कर सकता, अर्थात् साधक स्वयं ही ईश्वरमय हो जाता है।

64 योगिनियों साधना के द्वारा वास्तु दोष, पितृदोष, कालसर्प दोष तथा कुंडली के अन्य सभी दोष दूर हो जाते हैं। इनके अलावा दिव्य दृष्टि (किसी का भी भूत, भविष्य या वर्तमान जान लेना) जैसी कई सिद्धियां बहुत ही आसानी से साधक के पास आ जाती है। परन्तु इन सिद्धियों का भूल कर भी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। अन्यथा अनिष्ट होने की आशंका रहती है।

चौसठ योगिनियों के नाम इस प्रकार है-

(1) बहुरूपा (2) तारा (3) नर्मदा (4) यमुना (5) शांति (6) वारुणी (7) क्षेमकरी (8) ऐन्द्री
(9) वाराही (10) रणवीरा (11) वानरमुखी (12) वैष्णवी (13) कालरात्रि (14) वैद्यरूपा (15) चर्चिका (16) बेताली
(17) छिन्नमस्तिका (18) वृषवाहन (19) ज्वाला कामिनी (20) घटवारा (21) करकाली (22) सरस्वती (23) बिरूपा (24) कौवेरी
(25) भालुका (26) नारसिंही (27) बिराजा (28) विकटानन (29) महालक्ष्मी (30) कौमारी (31) महामाया (32) रति
(33) करकरी (34) सर्पश्या (35) यक्षिणी (36) विनायकी (37) विंध्यवासिनी (38) वीरकुमारी (39) माहेश्वरी (40) अम्बिका
(41) कामायनी (42) घटाबरी (43) स्तुति (44) काली (45) उमा (46) नारायणी (47) समुद्रा (48) ब्राह्मी
(49) ज्वालामुखी (50) आग्नेयी (51) अदिति (52) चन्द्रकान्ति (53) वायुवेगा (54) चामुण्डा (55) मूर्ति (56) गंगा
(57) धूमावती (58) गांधारी (59) सर्व मंगला (60) अजिता (61) सूर्यपुत्री (62) वायु वीणा (63) अघोर (64) भद्रकाली

तंत्र में 64 योगिनियों की साधना द्वारा मुख्यतः षटकर्मों सिद्ध किए जाते हैं। ये सभी अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न होने के कारण साधक को उसकी मनवांछित वरदान देने में सक्षम है।

 इन्हें सिद्ध कर लेने के बाद साधक जो भी चाहें कर सकता है। संक्षेप में इन्हीं को मातृका भी कहा जाता है और इनकी आराधना के द्वारा साधक विभिन्न प्रकार की दिव्य सिद्धियां प्राप्त कर चमत्कार दिखाने में सक्षम होते हैं।

64 योगिनियों के सिद्धि मंत्र एवं साधना विधि जानने के लिए.




चेतावनी - 

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

विशेष -

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       राजगुरु जी 

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

 (रजि.)

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