Wednesday, July 4, 2018

दूसरों के मन के विचारों को जानना-

दूसरों के मन के विचारों को जानना- कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी व्यवसायिक संबंध, रिश्ते नाते, प्रेम संबंध, मे हम असमंजस मैं होते हैं कि सामने वाले के मन में उस विषय में क्या विचार है? कृत्रिम जीवन ने मनुष्य के विचारों पर अनेकों बंधन लाद रखें है। वह जिस व्यवहार को करता है,जो वह बोलता है , वह अधिकतर वास्तविक नहीं होता। यह पाखंड आज हर ओर व्याप्त है। नारियों में अपनी भावना को व्यक्त न करने के प्रबृति होती है । वह घुटती रहेगी ,लेकिन अपने मन के भावों को ब्यक्त नहीं करेगी । कभी कभी वह जो ब्यक्त करती है , वह उसकी आंतरिक भावना के सर्वथा विपरीत होता है। इसका कारण उसकी प्रकृति भी है और उस पर लादे गए सामाजिक एवं नैतिक नियमों के बंधन भी। ऐसी स्थिति में यह जानना अत्यंत कठिन हो जाता है उसका वास्तविक रूप क्या है। ? उदाहरण स्वरूप कोई युवक किसी युवती से प्रेम करता है या कोई युवती किसी युवक से प्रेम करती है; किंतु युवक को यह नहीं मालूम है कि युवती भी उसे प्रेम करती है या नही; क्योंकि वह अपने मन के भाव को व्यक्त नहीं करती। युवती को यह नहीं मालूम कि जिस युवक से वह प्रेम करती है, वह वास्तव में उससे प्रेम करता है या उससे छल कर रहा है। के लिए मैं कुछ प्रयोग दे रहा हूं जो आप करेंगे आपको अवश्य सफलता मिलेगी यह प्रयोग आधी रात के समय करें। इस प्रयोग को जानने के लिए हमें पर्सनल मैसेज करें । विशेष जानकारी और किसी भी प्रकार की आर्थिक मानसिक और शारीरिक समस्याओं के समाधान हेतु और अपने घर बैठे ही आत्म सम्मोहन साधना,सम्मोहन साधना सीखने के लिए आप संपर्क करें । राजगुरु जी महाविद्या आश्रम ( राजयोग पीठ ) ट्रस्ट किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें : मोबाइल नं. : - 09958417249 8601454449 व्हाट्सप्प न०;- 9958417249

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