दस महाविद्या और इनके प्रभाव ।
साधक के जीवन में गुरु पूजन . .ईस्ट पूजन .जपमालिका पूजन..नित्य करना चाहिए..व् देवी से गुरु से बारम्बार छमा मांगनी चाहिए। ...
बिना दीक्षा व् निर्देशन इनकी साधना नहीं करनी चाहिए..इंनके मन्त्रो के कई प्रकार है.जी क्रम से ही गुरु से प्राप्त कानी चाहिए या काम्य भेद के मन्त्र प्राप्त कर योग्य निर्देशन में साधना करे.पुस्तक के अनुसार देख कर साधना सम्भवतःकभी कभी अत्यधिक हानि पंहुचा सकता है.
जप बिना दीक्षा बिना निर्देशन नहीं करनी चाहिए प्रत्येक देवी को उनके आवरण देवता के साथ पूजन करने से शीघ्र सिद्धिया प्रत्यछ होती है..
बिना दीक्षा व् निर्देशन इनकी साधना नहीं करनी चाहिए..इंनके मन्त्रो के कई प्रकार है.जी क्रम से ही गुरु से प्राप्त कानी चाहिए या काम्य भेद के मन्त्र प्राप्त कर योग्य निर्देशन में साधना करे.पुस्तक के अनुसार देख कर साधना सम्भवतःकभी कभी अत्यधिक हानि पंहुचा सकता है.
जप बिना दीक्षा बिना निर्देशन नहीं करनी चाहिए प्रत्येक देवी को उनके आवरण देवता के साथ पूजन करने से शीघ्र सिद्धिया प्रत्यछ होती है..
1-काली :-
देवी कालिका कामकलादक्षण रूपिणी है यह भक्त वत्सला है इनकी साधना विशेष इनके प्रीती में करनी चाहिए इससे स्वतः अभी प्रकार के भोग मोक्षस्वत प्रदान होते है यह अद्भुत है प्रसन्न होते ही साधक को उसके परिवार को अपने संरक्षण में ले लेती है
सुहृद पोषिणी उनका पोषण करती है.व् उसके शत्रु संहारणीयम् को स्वतः नस्ट कर देती है.
सुहृद पोषिणी उनका पोषण करती है.व् उसके शत्रु संहारणीयम् को स्वतः नस्ट कर देती है.
.और इनकी साधना से बीमारी नाश, दुष्ट आत्मा दुष्ट ग्रह से बचने के लिए, अकाल मृत्यु के भय से बचने के लिए, वाक सिद्धि के लिए, कवित्व के लिए भी किया जाता है। .कम से कम 9 या11 माला जप इनका अनिवार्य है.
..षटकर्म तो हर महाविद्या की देवी कर सकती है। षट कर्म मे मारण मोहन वशीकरण सम्मोहन उच्चाटन विदष्ण आदि आते है।परन्तु बुरे कार्य का अंजाम बुरा ही होता है। बुरे कार्य का परिणाम या तो समाज देता है या प्रकृति या प्रराब्ध या कानून देता ही है। इसलिए अपनी शक्ति से शुभ कार्य करने चाहिए।
2-तारा :-
तारा को तारिणी भी कहा गया है। जिस पर देवी तारा की कृपा हो जाये उसे भला और क्या चाहिए। फिर तो वो साधका एक दूध पीते बच्चे की तरह माँ की गोद मे रहता है। इनकी साधना से वाक सिद्धि तो अतिशीघ्र प्राप्त होती है साथ ही साथ तीब्र बुद्धि रचनात्मकता डाक्टर इनजियर बनाने के लिए, काव्य गुण के लिए, शत्रु को तो जड से खत्म कर देती है। इसके लिए आपको लाल मूगाँ या स्फाटिक या काला हकीक की माला का इस्तेमाल कर सकते है। हमारे हिसाब से कम से कम बारह माला का जप किया जाना चाहिए। कृपा करके इस देवी के मंत्रो मे स्त्रीं बीज का ही प्रयोग करे क्योकि त्रीं एक ऋषि द्वारा शापित है। इस शाप का निदान केवल त्रीं को स्त्रीं बनाने पर स्वयँ हो जाता है।
3-त्रिपुर सुंदरी :-
इस दुनिया मे ऐसा कोई काम नही है जिसे त्रिपुर सुन्दरी ना कर सके। जिस काम मे देवता का चयन करने मे कोई दिक्कत हो तो देवी त्रिपुर सुन्दरी की उपासना कर सकते है। यह भोग और मोक्ष दोनो ही साथ-साथ प्रदान करती है। ऐसी इस दुनिया मे कोई साधना नही है जो भोग और मोक्ष एक साथ प्रदान करे। इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है। कम से कम दस माला जप करें।
4-भुवनेश्वरी :-
यह साधना हर प्रकार के सुख मे वृद्धि करने वाली है। देवी भुवनेश्वरी की खास बात यह है कि यह बहुत ही कम समय मे प्रसन्न हो जाती है परंतु एक बार रुठ गई तो मनाना भी थोडा मुश्किल ही होता है। देवी माँ से कभी भी झुठे वचनो नही कहने चाहिए। इनके जप के लिए स्फटिक की माला का प्रयोग करें और कम से कम ग्यारह या इक्कीस माला का मंत्र जप करें।
5-”छिन्नमस्ता :-
यह विद्या बहुत ही तीव्र है। यह देवी शत्रु का तुरंत नाश करने वाली, वाक देने वाली, रोजगार में सफलता, नौकरी पद्दोंन्ति के लिए, कोर्ट के कैस से मुक्ति दिलाने मे सक्षम है और सरकार को आपके पक्ष मे करने वाली, कुंडिली जागरण मे सहायक, पति-पत्नी को तुरंत वश मे करने वाली चमत्कारी देवी है। इसकी साधना सावधान होकर करनी चाहिए क्योकि तीव्र होने के कारण रिजल्ट जल्दी ही मिल जाता है। इसके लिए आप रुद्राक्ष या काले हकीक की माला से कम से कम ग्यारह माला या बीस माला मंत्र जप करना चाहिए============ ॥
6-त्रिपुर भैरवी :-
यह देवी प्रेत आत्मा के लिए बहुत ही खतरनाक है, बुरे तंत्रिक प्रयोगो के लिए, सुन्दर पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए, प्रेम विवाह, शीघ्र विवाह, प्रेम में सफलता के लिए श्री त्रिपुर भैरवी देवी की साधना करनी चाहिए। इनकी साधना तुरंत प्रभावी है। जिस किसी तांत्रिक समस्या का समाधान नही हो रहा है, यह देवी उस समस्या का यह जड से विनाश करती है। इस देवी का मंत्र जप आप मूंगे की माला से कर सकते है और कम से कम पंद्रह माला मंत्र जप करनी चाहिए।
7-धूमावती :-
हर प्रकार की द्ररिद्रता के नाश के लिए, तंत्र – मंत्र के लिए, जादू – टोना, बुरी नजर और भूत – प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए, सभी रोगो के लिए, अभय प्रप्ति के लिए, साधना मे रक्षा के लिए, जीवन मे आने वाले हर प्रकार के दुखो को प्रदान करने वाली देवी है इसे अलक्ष्मी भी कहा जाता है तो इसके निवारण के लिए धूमावती देवी की साधना करनी चाहिए मोती की माला या काले हकीक की माल का प्रयोग मंत्र जप में करें और कम से कम नौ माला मंत्र जप करें!
8-बगलामुखी :-
वाक शक्ति से तुरंत परिपूर्ण करने वाली, अपने साधक को खाने कि लिए दोडने वाली, शत्रुनाश, कोर्ट कचहरी में विजय, हर प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के लिए, सरकारी कृपा के लिए माँ बगलामुखी की साधना करें। इस विद्या का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब कोई रास्ता ना बचा हो। हल्दी की माला से कम से कम 8, 16, 21 माला का जप करें। इस विद्या को ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है और यह भगवान विष्णु की संहारक शक्ति है।
-9-”मातंगी :-यह देवी घर ग्रहस्थी मे आने वाले सभी विघ्नो को हरने वाली है, जिसकी शादी ना हो रही, संतान प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति के लिए या किसी भी प्रकार का ग्रहस्थ जीवन की समस्या के दुख हरने के लिए देवी मातंगी की साधना उत्तम है। इनकी कृपा से स्त्रीयो का सहयोग सहज ही मिलने लगता है। चाहे वो स्त्री किसी भी वर्ग की स्त्री क्यो ना हो। इसके लिए आप स्फटिक की माला से मंत्र जप करें और बारह माला कम से कम मंत्र जप करना चहिए। ॥
-----10-”कमला :-
यह देवी धूमावती की ठीक विपरीत है। जब देवी कमला की कृपा नही होगी तब देवी धूमावती तो जमी रहेगी। इसलिए दीपावली पर भी इनका पुजन किया जाता है। इस संसार मे जितनी भी सुन्दर लडकीयाँ है, सुन्दर वस्तु, पुष्प आदि है यह सब इनका ही तो सौन्दर्य है। हर प्रकार की साधना मे रिद्धि सिद्धि दिलाने वाली, अखंड धन धान्य प्राप्ति, ऋण का नाश और महालक्ष्मी जी की कृपा के लिए कमल पर विराजमान देवी की साधना करें। इन्ही साधना करके इन्द्र ने स्वर्ग को आज तक समभाले रखा है। इनकी उपासना के लिए कमलगट्टे की माला से कम से कम दस या इक्कीस माला मंत्र जप करना चाहिए।
कृपया बिना गुरू दीक्षा यंत्र, माला और ज्ञान आदि के बिना किसी भी देवी की साधना ' उपासना ना करे
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
.किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249'
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
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