धन-संमृद्धि ,ऐश्वर्य प्रदायक कमला [[लक्ष्मी]] साधना
===================================
जीवन में समस्त प्रकार के सुखों की प्राप्ति तथा भौतिक उन्नति के इच्छुक व्यक्तियों को सर्व सुख प्रदायक चमत्कारी कमला [लक्ष्मी] साधना प्रयोग एक बार अवश्य ही संपन्न कर लेना चाहिए |इस प्रयोग को विधि पूर्वक संपन्न कर लेने से साधक को अपने जीवन में धन-धान्य ,सुख -संमृद्धि ,यश -कीर्ति ,पराक्रम ,भवन ,वाहन सुख तथा संतान सुख आदि भौतिक सुखों की निरंतर प्राप्ति रहती है |
सामग्री
----------- मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त महालक्ष्मी या कमला यन्त्र ,पारद लक्ष्मी ,घी का दीपक ,अगरबत्ती ,जल पात्र ,कमलगट्टे की माला [मंत्र सिद्ध चैतन्य],पीले रंग का आसन ,पीले रंग की धोती ,
मंत्र
------- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हसौ: जगतप्रसुत्यै नमः |
साधना विधि
---------------- शुभ मुहूर्त अथवा गुरूवार के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त हो पवित्र हो पीली धोती धारण कर ,पीले आसन पर स्थान ग्रहण करें |पवित्री करण आदि करके उत्तर दिशा की और मुह रखके सामने बाजोट या चौकी पर पीला कपडा बिछा कर उस पर अष्टदल बनाकर पारद लक्ष्मी और यन्त्र स्थापित करें |संकल्प करें निश्चित संख्या जप की निश्चित दिनों में ,कम से कम साधना २१ दिन चलेगी और मंत्र जप सवालाख होने चाहिए ,इस तरह अधिकतम एक दिन में ६००० से अधिक अर्थात ६० माला से अधिक जप नहीं होने चाहिए ,कम जप हों और अधिक दिनों में हों तो और अच्छा ,पर जप अनुष्ठान पूर्वक सारे नियम पालन करते हुए ही होने चाहिए |तांत्रिक साधना है अतः त्रुटी न हो इस बात का ध्यान रखें |इसके बाद पारद लक्ष्मी की प्राण प्रतिष्ठा करें ,तत्पश्चात यन्त्र और मूर्ती की विधिवत पूजन करें |केसर का उनपर और खुद भी तिलक करें |इसके बाद पूजन समाप्त करें अब जप रोज रात्री में ही होंगे |रात्री में शुद्ध हो मंत्र सिद्ध कमलगट्टे की माला से धीमे वारों में और शुद्ध उच्चारण के साथ मंत्र जप आरम्भ करें |मंत्र जप समाप्त होने पर जप को भगवती के बाएं हाथ में समर्पित करें |क्षमा मांगे गलतियों हेतु और आरती करें |यह क्रम प्रतिदिन अनुष्ठान समाप्ति तक चलेगा |अंतिम दिन के जप के अगले दिन हवन करें |और यंत्र तथा मूर्ती का तर्पण करें |
प्रयोग समाप्त होने पर किसी कुँवारी कन्या को भोजन वस्त्रादि देकर संतुष्ट कर उससे आशीर्वाद लें |अब इस यन्त्र और मूर्ती को घर अथवा दूकान के पूजा स्थल में स्थापित करें और नित्य प्रति पूजा देते रहें |आपकी उन्नति और संमृद्धि वृद्धि होती रहेगी |क्योकि इतने दिन में मूर्ती और यन्त्र इतना चैतन्य हो जाता है की वह आपकी उन्नति में सहायक रहता है जब तक की उसकी पूजा होती रहे |पारद और यंत्र एक तांत्रिक वस्तु हैं और तीब्र प्रभावी होते हैं ,तंत्र के अंतर्गत आते हैं अतः शीघ्र लाभ होता है |
विशेष
--------- प्रयोग से पूर्व किसी योग्य से मार्गदर्शन और सहायता उत्तम रहता है और त्रुटियों की संभावना नहीं रहती |मंत्र सिद्ध चैतन्य माला अथवा प्राण प्रतिष्ठित यंत्र रखने का तात्पर्य यह होता है की यह तांत्रिक क्रियाओं द्वारा संपन्न की जाती हैं और सामान्य लोगों के लिए मुश्किल है इनकी जानकारी होना |यदि समस्त क्रिया खुद न कर सकें तो किसी योग्य इक अथवा जानकार से सम्पूर्ण अनुष्ठान कराकर उनसे प्राण प्रतिष्ठित पारद लक्ष्मी और यन्त्र तथा माला प्राप्त कर उसे अपने पूजा स्थान में स्थापित कर रोज पूजा दें ,प्रभाव और लाभ मिलेंगे
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
व्हाट्सप्प न०;- 9958417249
No comments:
Post a Comment