श्री यंत्र सिद्ध
होली का पर्व समीप हे इस रात्रि को तंत्र के ज्ञाता कई साधनाऐ सिद्ध करते हे
परंतु एक गृहस्थ के लिए इतने विधि विधान आसन ध्यान काल सामग्री बहोत सारि चीजे जो की सिद्ध तंत्र में आवश्यक होती हे ये सारि बाते सुनने समज ने के बाद वो अपनी उस्तुकता वहीँ दबा दे ता हे क्या कैसे कब सम्भव पायेगा या नहीं यहाँ होली के पर्व पर आप गृहस्थ अपने घर पर इस साधना को सिद्ध कर सकते हे यहाँ मेने आप को पहले श्री यंत्र की महिमा बताई थी
ये साधना आप को श्री यंत्र से होने वाले लाभ देगी यहाँ यंत्र की रचना भी आप को ही करनी हे वो भी सामान्य रूप से एक भोज पत्र पर कलम का उपयोग अनार या चांदी का होना चाहिए आसान ऊनि लाल या पिला सफ़ेद गुलाबी कोई भी परंतु नीला गहरा रंग हरा काला न हो इसका ध्यान रखे स्नान आदि क्रिया से निवृत हो स्वक्छ हलके रंग के वस्त्र धारण करे मुख उत्तर पूर्व की और एवम् माला कमल गट्टे की हो तो अच्छा हे या रुद्राक्छ या स्फटिक की ले सकते हे ।
गूगल धुप घी का दिया प्रज्वलित करे जिस की बाति मध्य में खड़ी हो और एक बाजोठ पर सभी जगह गंगा जल से पवित्र कर उस पर पाँच अनाज की ढेरी लगानी हे उस के पश्चात पहले जो की भोज पत्र पर सुद्ध केसर की स्याही रूप बना कर सम आकर त्रिभुज की रचना करनी हे एवम् उस के मध्य श्री बीज को स्थापित करना हे ध्यान रहे की ये स्पष्ट रूप में हो न की एक से दूसरी रेखाओ को स्पर्श करे इस से आप पहले श्री बीज को स्थापित कर बाद में भी सम आकार त्रिभुज की रचना कर सकते हे एवम् त्रिभुज के तिन कोण पर तिन जगह ॐ की रचना करनी हे इस के पछात यंत्र के निचे 9 नो बिंदु अंकन करने हे ।
बाजोठ पर लाल रंग का वस्त्र बिछा उस पर पञ्च नाज की ढेरी उस पर यंत्र की स्थापना ।
सिद्ध की रचना हो जाने के बाद आप इसे बाजोठ पर अनाज की ढेरी पर विराज मान कर दीजिये गूगल धुप एवम् दीपक प्रज्वलित कीजिये लाल पुष्प या गुलाब की पंखुड़िया चढ़ा कर यंत्र की स्याही केसर का तिलक लगाये माला पर तिलक करे इन कर्मो को अनामिका से करना हे अब सांत चित्त से गणेश जी का मानसिक पूजन करे एवम् उन से रिद्धि सिद्धि संग पधार ने को कहे अब एक माला गणेश जी के मन्त्र से करनी हे
ॐ गं गणपतये नमः
108 की संख्या में एवम् दूसरी माला गुरु मन्त्र से जो में आप बताऊंगा इस के पश्चात् 9 माला यंत्र को त्राटक करते हुए इस तरह की दीपक का प्रकाश श्री बीज पर जाये और आप की दृष्टि श्री बीज पर यहाँ सर्व सामान्य रूप यंत्र रचना हे जिसे भोज पत्र पर लेखन करना हे यहाँ कुछ बाते जेसे की भोज पत्र आकआर सम होना खन्डित न हो ध्यान साधना में मात्र दीपक का ही प्रकाश कर त्राटक साधना माता महा लकछमि भगवन नारायण का मानसिक पूजन त्राटक के समय होने वाली घटनाए और बहोत सी बाते हे
जिन को लिखना अभी जरुरी नहीं हा जिन्हें ये साधना करनी हे वो इन बोक्स में सम्पर्क करे क्यों की गुरु मन्त्र अभी मेने नहीं दिया और दूसरी बात श्री बीज के साथ कुछ और भी आप को अंकन करना होगा तभी यहाँ महालक्छमि विराजमान होगी ये बाजार में मिलने वाला ज्ञान नहीं हे
मित्रो यहाँ जिस यंत्र की आप रचना करेंगे वो श्री यंत्र की तरह प्रभावशाली हे और इस के नित्य पूजन से मन्त्र जाप से जो चमत्कार होगा वो आप खुद अनुभव कर सकते हे ये होली की रात को करना हे गुरु मन्त्र एवम् साधना मन्त्र आप को इन बॉक्स में बताया जाये गा और बीज महिमा में विशेष अंकन प्रसाद मीठा रेवड़ी जो की आप को नहीं खाना हे पहले भोग फिर कन्या बालको में और बाद में बड़े घर बहार के और अंत में मन्त्र के पठन के साथ आप को ग्रहण करना हे ।
ये नियम विधि विधान के साथ ।।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।
विशेष -
किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें
राजगुरु जी
तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान संस्थान
महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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