लग्न कुंडली के अनुसार जाने जीवन साथी कैसा मिलेगा ...
अगर लग्न का स्वामी 7वे भाव में पाप प्रभाव में हो या पाप राशि मे हो तो जीवन साथी Low family से मिलता है ..
अगर दूसरे भाव का स्वामी पाप प्रभाव में हो तो जातक दूसरे की पत्नी के प्रेम में आसक्त हो जाता है
अगर दूसरा भाव कमजोर हो, उसका स्वामी नीच राशि में हो अस्त हो ,पाप राशि मे हो पाप ग्रहों द्वारा देखा जा रहा हो तो
पत्नी lower family से आती है
अगर 12वे भाव में स्त्री ग्रह दूषित होकर बैठे हो , तो स्त्री द्वारा धन का नुकसान होता है
6ठे भाव में शुक्र गंदा होकर बैठा हो , स्त्रिया उसे ना पसन्द करती है और उसे भृष्ट बना देती है
जो स्त्रियो के प्रेम पर काबू पा ले
वह किसी राजा से भी श्रेष्ठ है
शुक्र को स्त्री का कारक कहा गया है
तो उस से जुड़े कुछ सूत्र समझिये
यदि पुरुष कुंडली में शुक्र कमजोर है ,पीड़ित है, तो उस व्यक्ति की emotional life को destroy कर देगा और ऐसा व्यक्ति बड़बड़ाने वाली कुंठित पत्नी के साथ जीवन गुजरेगा
और वह स्त्री उसे चिंता और क्लेश में डालकर आधा कर देगी व उस पुरुष के वैभवों का अंत हो जाने पर
किसी अन्य का साथ पाने के लिए उसे छोड़ देगी
जिस स्त्री का चंद्रमा वृश्चिक में होकर पाप प्रभाव में होगा वह मौका पड़ने पर दुष्कृत्य भी कर देगी भले ही उसका विरोधी कोई पुरुष ही क्यो ना हो.
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जन्म कुंडली देखने और समाधान बताने की
दक्षिणा - 301 मात्र .
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राजगुरु जी
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महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट
(रजि.)
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