यदि आप मुझसे कुछ सीखना चाहते है तो परिश्रम तो करना ही होगा। किसी को दो दिन में तारा चाहिए,तो किसी को ९ दिन में छिन्नमस्ता,किसी को ५ दिन में मातंगी सिद्ध करना है तो,किसी को ११ दिन में भुवनेश्वरी। कितनी बचकानी बात है. मेरा उद्देश्य किसी के ह्रदय को पीड़ित करना नहीं है.अगर किसी को दुःख हुआ हो तो हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थी हु.परन्तु कभी कभी व्यर्थ का रोग मिटाने के लिए कड़वे वचनो कि औषधि आवश्यक हो जाती है.
Wednesday, May 30, 2018
महाविद्या आश्रम का उद्देश्य
महाविद्या आश्रम का उद्देश्य
आपको जीवन में रुकना नहीं हैं , तुम्हे अपने जीवन में एक बार भी एक क्षण भी बिचार नहीं करना हैं .
कि तुम्हारा जीवन बहुत थोड़ा सा बच गया हैं ,और पगडण्डी बहुत लम्बी हैं .
हिमालय से पूरी समुद्र तक कि यात्रा , जीवन में धीरे - धीरे चलने से समुद्र नहीं मिल सकेगा ,क्योकि नदी धीरे - धीरे चलेगी तो बीच में सुख जाएगी , तुम्हारे मेरे बीच फासला बहुत ही कम रह गया हैं , और मेरे पास समय बहुत ही कम रह गया हैं .
इसलिए हम उस फासले को kitna जल्दी पार कर ले यह तुम पर निर्भर हैं , मेरा उपस्थित होना तुम्हारे मध्य ; यही कारन हैं तुम्हारा निर्माण , तुम को गढ़ना हैं
राजगुरु जी
महाविद्या आश्रम ( राजयोग पीठ ) फाउंडेशन ट्रस्ट
किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :
मोबाइल नं. : - 09958417249
08601454449
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