शत्रु षड़यंत्र नाशक प्रयोग
रविवार या अमावस्या की रात्रि में दक्षिण मुख हो कर बैठे,सामने काला वस्त्र बिछा कर उस पर महाकाली का कोई भी चित्र स्थापित करे,माँ का सामान्य पूजन करे,तथा एक निम्बू पर सिन्दूर से शत्रु का नाम लिखे,सिन्दूर को सरसों या तील के तेल में घोले।संकल्प अवश्य ले.इसके बाद मूंगा,काला हकिक या रुद्राक्ष माला से मंत्र की २१ माला करे,हर माला के बाद कुछ उड़द के दाने निम्बू पर चड़ाए,इस भावना के साथ की महाकाली शत्रु के सारे षड़यंत्र का नाश कर रही है.जाप पूर्ण हो जाये।तब एक ताम्बे का लोटा या मिटटी की छोटी मटकी ले. ये निम्बू उस मटकी या लोटे में डाल दे.उड़द भी उसी में डाल दे.जिस काले वस्त्र पर माँ को स्थापित किया था उसी वस्त्र से मटकी का मुह बांध दे.माँ से पुनः प्रार्थना करे मटकी को हाथ में लेकर,और रात्रि में ही मटकी को कही ज़मीन में गाड दे.पीछे मुड़कर न देखे पुनः घर आकर स्नान कर ले.ये एक दिवसीय प्रयोग हर षड़यंत्र को विफल कर देगा।किसी के अनिष्ट की कामना से इसे न करे.अन्यथा माँ आपको दण्डित करेंगी।
मंत्र: क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट
( KREENG KREENG SHATRU NAASHINI KREENG KREENG PHAT )
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