Monday, May 4, 2015

दो शब्द


दो शब्द 


जय माँ बगलामुखी बड़े हर्ष के साथ सभी साधक बंधुओ को सूचित किया जाता है कि हमारे महा विद्या आश्रम के आधिकारिक ब्लॉग पेज की शुरुआत आज माँ बगलामुखी की अनुकम्पा से हो रही है 


हमारे आश्रम का उद्देश्य भारत की सबसे प्राचीन तंत्र विद्या को जन जन तक पहुँचाना है 


मुझे विश्वास है की साधको, योगियों, साधुओ, एवं गृहस्थ व्यक्तियों के लिए यह ब्लॉग अत्यंत अनुकूल सहायक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में सहायक होगा इसके माध्यम से साधक अपने जीवन को उधर्वमुखी बनाकर जीवन की पूर्णता प्राप्त कर सकेंगे.


यदि आप मुझसे कुछ सीखना चाहते है तो परिश्रम तो करना ही होगा। किसी को दो दिन में तारा चाहिए,तो किसी को ९ दिन में छिन्नमस्ता,किसी को ५ दिन में मातंगी सिद्ध करना है तो,किसी को ११ दिन में भुवनेश्वरी। कितनी बचकानी बात है.हर साधना कि एक विशेष प्रक्रिया होती है जिससे होकर प्रत्येक साधक को गुजरना ही पड़ता है. और अगर बात महाविद्या कि हो तो ये कार्य और भी कठिन हो जाता है. इसमें तो और भी अधिक परिश्रम करना होता है. कई कई मंत्रो को क्रमशः सिद्ध करना होता है,कई कई अनुष्ठान करने होते है.जब हम आपको ये प्रक्रिया बताते है तो आपको लगता है कि हम टाल रहे है.इस बात पर में कोई सफाई नहीं दूंगा।यदि महाविद्या सिद्धि कि और बढ़ना है तो परिश्रम करना सीखे।अन्यथा जो दो या तीन दिन में सिद्ध करवा दे आलसी लोग उनके पास जा सकते है.कम से कम मेरा कार्य भार कम होगा। और मुझे भी पता चल जायेगा कि तारा २ दिन में और काली ११ दिन में कैसे सिद्ध होती है.मेरा उद्देश्य किसी के ह्रदय को पीड़ित करना नहीं है.अगर किसी को दुःख हुआ हो तो हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थी हु.परन्तु कभी कभी व्यर्थ का रोग मिटाने के लिए कड़वे वचनो कि औषधि आवश्यक हो जाती है.




राज गुरु जी 

महा विद्या आश्रम 


किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें : मोबाइल नं. : - 09958417249 08467905069 E - mail-- aghoriramji@gmail.com

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