जानें कैसे होता है सियार सिंगी से व्यापार और नौकरी में लाभ या प्रमोशन…
सियार सिंगी (Siyar Singhi) बहुत ही चमत्कारी वस्तु होती है इसे घर में रखने से सकारात्मक उर्जा (Positive Energy) का अनुभव होता है, सियार सिंगी बालों के एक गुच्छे कि तरह होती है, असल में सियार के सींग नहीं होते परन्तु कुछ सियारों के नाक के ऊपर बालो का एक गुच्छा बन जाता है।
धीरे-धीरे वह कड़ा और बड़ा हो जाता है और सींग जैसा बन जाता है इसे सियार सिगी कहते है और यह हजारों में से किसी एक के नाक पर होता है, इसमें वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है।
यदि इसे सिद्ध कर लिया जाए तो यह शक्ति हजारों गुना बढ़ जाती है। इसके द्वारा आप किसी से भी अपना मनोवांछित काम करवा सकते है।
इसे सिद्ध करने की अनेकों विधियां है पर यदि इसे होली या दीपावली के दिन निम्न विधि से सिद्ध किया जाए तो इसका चमत्कार बड़ी जल्दी नजर आता है।
आपके सबके लिए एक आसान और प्रमाणिक विधि जो बहुत प्रयासों के बाद मिल सकी है उसका उल्लेख हम यहां कर रहे है, और उम्मीद करते है कि यह आप लोगों के लिए उपयोगी होगी, यह विधि दीपावली से पहले धन तेरस बाले दिन शुरू की जाती है मतलब दीपावली तक रोज होना चाहिए।
सियार सिंगी को सिद्ध करने का अचूक मंत्र
ॐ चामुण्डाये नमः
सियार सिंगी को सिद्ध करने की विधि
दीपावली से पहले धन तेरस को एक सियार सिंगी का एक जोड़ा लें। उसे लाल कपडे पर स्थापित करे। लाल आसन बिछा कर लाल वस्त्र धारण कर बैठ जाएं। सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
सियार सिंगी पर गंगा जल छिड़कें। चावल चढ़ाएं और पांच लौंग साबुत और पांच चोटी इलायची चढ़ाये। उपरोक्त मंत्र 2100 बार जप करे। जप समाप्ति के बाद अग्नि में 21 आहुति गुग्गल की दे। ऐसा रोज दीपावली तक करें। दीपावली वाली रात पूजा के बाद इस नीचे लिखे मंत्र का सियार सिंगी के सामने 1100 बार जाप करें।
सियार सिंगी सिद्ध मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय, मम वशी कुरुं वशी कुरुं क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं स्वाहा।
इस मंत्र को जपने के बाद सियार सिंगी को किसी चांदी या ताम्बे की डिब्बी में मीठा सिन्दूर डाल कर उसमें पांच लौंग पांच इलायची और एक कपूर का छोटा सा टुकड़ा डाल कर रख ले
सियार सिंगी प्रयोग विधि
जब किसी पर प्रयोग करना हो तो इस डिब्बी को खोल कर सियार सिंगी के सामने दोनों मंत्रों का एक एक माला जाप करे और उस व्यक्ति का नाम बोल कर चामुंडा मां से उसे अपने अनुकूल करने की प्रार्थना करे और डब्बी को अपनी जेब में रखकर चले जाएं आपका कार्य सिद्ध हो जायेगा।
सियारसिंगी में असली या नकली की पहचान कैसे करें?
कुछ जानकारी है जिसके आधार पर आप लोग असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। परन्तु उसके लिए कुछ समय की जरुरत होती है – पहचान :सियारसिंगी के बाल बढ़ते हैं। सियारसिंगी के छोटे-छोटे सीग होते है जों बढ़ते हैं। सियारसिंगी का आकार भी बढ़ता है और उन का जों हिस्सा जहा बाल नहीं होते सिंदूर के साथ गीला रहता है
कैसे करें सियार सिंगी से वशीकरण
सियार सिंगी का प्रयोग, सियार सिंगी की पहचान/फायदे, सियार सिंगी मंत्र- सियार सिंगी के बारे मे माना गया है इसको अपने घर मे रखने से जातक के घर मे हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही ये तंत्र-मंत्र साधना व विधि का एक बड़ा चमत्कारी रूप है।
सियार सिंगी नाम को सुनकर व्यक्ति कल्पना करता है की ये सियार के सिर पर उगा वो सिंग है, जिसका प्रयोग साधना के लिए किया जाता है, पर दरअसल उनके सिंग नहीं होते, बस नाक के ऊपर बालों का गुच्छा उग आता है, जो वक़्त के साथ बड़ा होने के साथ-साथ कड़ा हो जाता है और यही सियार सिंगी कहलता है। जिसका इस्तेमाल वशीकरण के लिए होता है।
सियार सिंगी वशीकरण मंत्र और सिद्ध करने की विधि
“ॐ ह्रीं गं जूं सः (जिसको वश में करना हो उसका नाम ले) में वश्य वश्य कुरु स्वाहा”
इस साधना को करने की विधि कुछ इस प्रकार है- शनिवार के दिन इसको प्रारम्भ करके 7 दिनों तक करे और हर दिन 21 माला जाप करना होगा। मंत्र जप के लिए मुंगे की माला का इस्तेमाल करके सूर्यास्त के बाद साधना शुरू करे। ये साधना करते हुए पश्चिम दिशा की तरफ मुह रखे और आपका वस्त्र लाल रंग का होना चाहिए।
आसान भी उसी प्रकार लाल रंग का रखे। मंत्र सिद्ध होने पर आप जिस व्यक्ति को वश मे करना चाहते है, उसके सामने जाकर बताए मंत्र को 5 बार जप करे। ध्यान रहे की आप सिंगी को अपनी जेब में रखे या लॉकेट में धारण करके पहन सकते है
सियार सिंगी से व्यापार और नौकरी में लाभ या प्रमोशन
सियार सिंगी का प्रयोग लोग कई बार उस हालत मे भी करते है जब उनकी प्रगति नहीं हो रही होती या किसी कारण से व्यापार सही नहीं चल रहा होता। ऐसे मे एक असरदार मंत्र है-
“ॐ नमो भगवती पद्मा श्रीम ॐ हरीम, पूर्व दक्षिण उत्तर पश्चिम धन द्रव्य आवे , सर्व जन्य वश्य कुरु कुरु नमः”
इसे आप बुधवार के दिन शुरू करे और सियार सिंगी को किसी एक स्टील की प्लेट में स्थापित करले। ध्यान रखे 21 दिनों तक इसी सियार सिंगी के सामने आपको रोज 108 बार बताए मंत्र का जप करना होगा। मंत्र जप से पहले सियार सिंगी स्थापित करके उसके ऊपर कुमकुम या केसर से तिलक लगाना होगा और चावल व फूल भी आपको अर्पित करने होंगे।
21 दिन तक जप करके अब आप इसे एक डिब्बी में ध्यान से रख दे। फिर इसे अपनी दूकान मे किसी सुरक्षित जगह रखे और फिर 21 बार उसी मंत्र का जप करे। ऐसा करने के बाद साधक स्वय अपने व्यापार मे होने वाली तरक्की को देख सकता है।
ऐसे करें सिद्ध सियारसिंगी को
गीदड़ एक वन्य प्राणी है जिसे सियार भी कहा जाता है इस प्रजाति के बहुत सी नस्ले होती है और एक नस्ल ऐसी भी होती है जिसके माथे के ऊपर एक बहुत छोटा सा सींघ होता है जो थोड़ा सख्त होता है और उसके ऊपर भूरे और काले रंग के बाल होते हैं ||
इसको गीदड़ सिंघी कहा जाता है मगर सींग वाला गीदड़ बहुत हे दुर्लभ नस्ल है। गीदड़ सिंघी की ज्योतिष में बहुत ही महत्वता है क्यूंकि इसमें नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने और सकारत्मक ऊर्जाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने की शक्ति होती है। गीदड़ सिंघी के उपयोग से इंसान बहुत ही भाग्यशाली बन सकता है और बहुत सारा धन प्राप्त कर सकता है ।
अगर गीदड़ सिंघी को अभिमंत्रित कर लिया जाये तो इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। गीदड़ सिंघी को सिन्दूर की डिब्बी में बंद करके रखा जाता है। नीचे दी हुई विधि को कृपा उसे इस्तेमाल करने से पहले उसे ध्यान से पढ़ लें क्योंकि इस विधि में गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।
गीदड़ सिंघी के उपयोग
(1) धन और सम्पति प्राप्त करने के लिए
(2) भाग्यशाली बनने के लिए
(3) किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने ले लिए
(4) पति पत्नी के बीच की अनबन ख़त्म करने के लिए
(5) व्यवसाय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए
(6) मनचाहा प्यार पाने के लिए
(7) किसी को भी अपने तरफ आकर्षित करने के लिए
(8) क़र्ज़ मुक्त होने के लिए
(9) कोर्ट केस में जीत हासिल करने के लिए
कैसे करते है गीदड़ सिंघी का प्रयोग??
गीदड़ सिंघी को उपयोग में लाने से पहले उसको अभिमंत्रित किया जाता है जिससे उसकी शक्ति कई गुना हो जाती है फिर आप उसके इस्तेमाल से अपने मन की कोई भी इच्छा पूरी कर सकते है।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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