Saturday, December 19, 2020

मां प्रत्यंगिरा का भद्रकाली या महाकाली का ही विराट रूप है


 





मां प्रत्यंगिरा का भद्रकाली या महाकाली का ही विराट रूप है। मां प्रत्यंगिरा की गुप्तरूप से की गई आराधना, जप से अच्छों अच्छों के झक्के छूट जाते हैं। कितना ही बड़ा काम क्यों न हो अथवा कितना बड़ा शत्रु ही क्यों न हो, सभी का मां चुटकियों में शमन कर देती हैं।


प्रत्यक्ष शत्रु से निपटना आसान होता है किन्तु हमारे कई अप्रत्यक्ष शत्रु होते हैं जो सामने मित्रता पूर्ण व्यवहार रखते हैं किन्तु हमारे पीठ पीछे हमे नुकसान पहुंचाते हैं व हमारी छवि बिगाड़ते रहते हैं, और हमारे परिवार के सदस्यो पर अपनी शत्रुता निकालते हैं। 


ऐंसे शत्रुओं पर यह मारण प्रयोग करने पर सिर्फ शत्रु ही नहीं बल्कि उसके परिवार के सदस्य पर भी प्रभाव होता है। शत्रु को हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, कैंसर, क्षय रोग, लकवा, पागलपन, विक्षिप्त बनाने, आपसी विवाद कराने, वाहन दुर्घटना, सूखी लगाना, धन हानि, व्यापार मे नुकसान पहुंचाकर बदला लेने के लिए इन तांत्रिक प्रयोगो को करें।


 स्तोत्रम प्रारंभ करने से पूर्व प्रथम पूज्य श्रीगणेश, भगवान शंकर पार्वती, गुरुदेव, मां सरस्वती, गायत्रीदेवी, भगवान सूर्यदेव, इष्टदेव, कुलदेव तथा कुलदेवी का ध्यान अवश्य कर लें। यह स्तोत्र रात्रि 10 बजे से 2 के मध्य किया जाए तो तत्काल फल देता है।


चेतावनी: यह प्रयोग केवल educational purpose से दिया गया है, कृपया स्वयं इसका प्रयोग न करें एवं योग्य गुरु के मार्गदर्शन मे ही करें। किसी मासूम निर्दोष व्यक्ति पर प्रयोग न करें। तंत्र क्रिया परमाणु बम के जैंसी होती है सही विधि से प्रयोग न की जाये तो radiation से आपका विनाश कर सकती है।


श्री महाविपरीतप्रत्यंगिरा स्तोत्रम


नमस्कार मन्त्रः श्रीमहा विपरीत प्रत्यंगिरा काल्यै नमः।


पूर्व पीठिका महेश्वर उवाच


श्रृणु देवि, महा विद्यां, सर्व सिद्धि प्रदायिकां। यस्याः विज्ञान मात्रेण, शत्रु वर्गाः लयं गताः।।

विपरीता महा काली, सर्व भूत भयंकरी। यस्याः प्रसंग मात्रेण, कम्पते च जगत् त्रयम्।।

न च शान्ति प्रदः कोऽपि, परमेशो न चैव हि। देवताः प्रलयं यान्ति, किं पुनर्मानवादयः।।

पठनाद्धारणाद्देवि, सृष्टि संहारको भवेत्। अभिचारादिकाः सर्वेया या साध्य तमाः क्रियाः।।

स्मरेणन महा काल्याः, नाशं जग्मुः सुरेश्वरि, सिद्धि विद्या महा काली, परत्रेह च मोदते।।

सप्त लक्ष महा विद्याः, गोपि


चेतावनी -


सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।


विशेष -


किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें


राजगुरु जी


तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान


महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट


 (रजि.)


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