ऋण हर्ता गणेश मंत्र प्रयोग
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ऋण हर्ता गणेश मंत्र प्रयोग
यह ऋण हर्ता मंत्र हैं। इस मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए। इससे गणेश जी प्रसन्न होते है और साधक का ऋण चुकता होता है। कहा जाता है कि जिसके घर में एक बार भी इस मंत्र का उच्चारण हो जाता है है उसके घर में कभी भी ऋण या दरिद्रता नहीं आ सकती।
मंत्र:
ॐ श्री गणेश ऋण छिन्धि वरेण्य हुं नमः फट ।
विधि: किसी योग्य ब्राह्मण से गणेश प्राण-प्रतिष्ठित करवाले। (विशेष नोट : कर्ज मुक्ति हेतु मंगल गणेश (मूंगा गणेश) प्रतिमा उत्तम फलदायी होती हैं।)
यदि कर्ज से हैं परेशान तो मास की किसी भी चतुर्थी या मंगलवार के दिन प्रातःकाल स्नानआदि नित्यकर्म से शीघ्र निवृत्त होकर। भगवान गणेश की प्राण-प्रतिष्ठित मंत्र सिद्ध गणेश प्रतिमा स्थापित करें। उस मूर्ति का पंचोपचार या षोड़शोपचार पूजन-आरती आदि से विधि-वत पूजन करें।
· गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।
· यदि संभव हो तो गणेशजी का मंत्र बोलते हुए 21 दुर्वा दल चढ़ाएं।
· श्री गणेशजी को लड्डुओं का भोग लगाएं।
· स्थापना वाले दिन ब्राह्मण भोजन कराएं और ब्राह्मणों को दक्षिणा प्रदान करने के पश्चात् संध्या के समय स्वयं भोजन ग्रहण करें, यदि ब्राह्मणों को भोजन करवाना संभव न हो तो उसके निमित्त दान किसी भी मंदिर मे कर सकते हैं।
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स्थापना के पश्चयात प्रतिदिन गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं और ऋण मुक्ति हेतु मूंगे की माला से गणेश मंत्र की 1, 3, 5, 7, 11 जप करें।
· इस तरह पूजन करने से भगवान श्रीगणेश अति प्रसन्न होते हैं और जल्द ही कर्ज मुक्ति के मार्ग प्रसस्थ होने लेगते हैं।
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।
विशेष -
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महायोगी राजगुरु जी 《 अघोरी रामजी 》
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