Monday, December 9, 2019

आप भी धारण करें चमत्कारी लहसुनिया रत्न ..







आप भी धारण करें चमत्कारी लहसुनिया रत्न ..


ज्योतिष शास्त्र में रत्नों के प्रभाव और उससे होने वाले लाभ के विषय में बहुत सी जानकारी प्राप्त होती है. ज्योतिष के अनुसार सभी रत्नों का सम्बन्ध किसी न किसी ग्रह से अवश्य होता है

 और जो रत्न जिस ग्रह से सम्बंधित होता है वह उस ग्रह के दोष को कम करता है. ऐसा ही एक रत्न है लहसुनिया जो केतु से सम्बंधित रत्न है इसे धारण करने से केतु से सम्बंधित जन्म दोष समाप्त हो जाते है.

यदि आपकी कुंडली में केतु किसी शुभ ग्रह या सौम्य ग्रह के साथ होता है तो लहसुनिया रत्न धारण करने से लाभ मिलता है.

यदि किसी व्यक्ति को भूत-प्रेत आदि से भय लगता है तो लहसुनिया रत्न को धारण करने से वह भयमुक्त होता है. ऐसे व्यक्ति को लहसुनिया रत्न अवश्य धारण करना चाहिए.

कुछ विद्धवान ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है की केतु ग्रह एक छाया है और उसकी कोई राशि नहीं है तथा वह जब लग्न त्रिकोण या तृतीय, षष्ठ या एकादशः भाव में होता है तो इसे उसकी महादशा कहते है और इस दशा में लहसुनिया रत्न धारण करने से लाभ होता है.

किन्तु यदि व्यक्ति की कुंडली में केतु द्वीतीय, सप्तम, अष्टम, या द्वादशा भाव में हो तो इस रत्न को धारण नहीं करना चाहिए. लहसुनिया रत्न के और भी लाभ है आइये जानते है.

यदि कोई व्यक्ति अपने आपको किसी स्त्री के समक्ष असहाय महसूस करता है तो लहसुनिया की भस्म को घी में मिलाकर खाने से उसे लाभ होता है और उसका वीर्य गाढ़ा होता है.

जो व्यक्ति लहसुनिया धारण करता है उसे अजीर्ण, मधुमेह और आमवात की समस्या से मुक्ति मिलती है.

 नेत्र से सम्बंधित सभी तरह के रोग को दूर करने के लिए लहसुनिया की भस्म को पीतल की भस्म के साथ मिलाकर खाना चाहिए.

  और अधिक जानकारी समाधान उपाय विधि प्रयोग कुंडली विश्लेषण वास्तु हस्तरेखा अंक ज्योतिष या रत्ना संबंधित परामर्श या ओरिजिनल साधना सिद्धि रत्न के लिए संपर्क करें ...



और अधिक जानकारी समाधान उपाय विधि प्रयोग या ओरिजिनल रत्न की जानकारी या रत्न प्राप्ति के लिए या कुंडली विश्लेषण कुंडली बनवाने के लिए संपर्क करें

जन्म  कुंडली  देखने और समाधान बताने  की

  परामर्श      दक्षिणा  -  201  मात्र .

Pytam नम्बर -  9958417249

विशेष

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

राजगुरु जी

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस नंबर पर फ़ोन करें :

मोबाइल नं. : - 09958417249

                   

व्हाट्सप्प न०;- 09958417249

No comments:

Post a Comment

महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि

  ।। महा प्रचंड काल भैरव साधना विधि ।। इस साधना से पूर्व गुरु दिक्षा, शरीर कीलन और आसन जाप अवश्य जपे और किसी भी हालत में जप पूर्ण होने से पह...