Thursday, May 30, 2019

मंगल दोष का निवारण ओर ज्योतिष शास्त्र





मंगल दोष का निवारण ओर ज्योतिष शास्त्र


1.

चतुर्थ और सप्तम भाव में मंगल मेष, कर्क, वृश्चिक अथवा मकर राशि में हो और उसपर क्रूर ग्रहों की दृष्टि नहीं हो तो निवारण होता है। 

2.

मंगल राहु की युति होने से मंगल दोष का निवारण हो जाता है। 

3.

लग्न स्थान में बुध व शुक्र की युति होने से इस दोष का परिहार हो जाता है! 

4.

कर्क और सिंह लग्न में लगनस्थ मंगल अगर केन्द्र व त्रिकोण का स्वामी हो तो यह राजयोग बनाता है जिससे मंगल का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है! 

5.

वर की कुण्डली में मंगल जिस भाव में बैठकर मंगली दोष बनाता हो कन्या की कुण्डली में उसी भाव में सूर्य, शनि अथवा राहु हो तो मंगल दोष का शमन हो जाता है!

 6.

जन्म कुंडली के 1,4,7,8,12,वें भाव में स्थित मंगल यदि स्व, उच्च मित्र आदि राशि नवांश का, वर्गोत्तम, षड्बली हो तो मांगलिक दोष नहीं होगा..इत्यादि!

कुंडली परामर्श के लिए संपर्क करें.

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चेतावनी -

सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न करेँ ।

 बिना गुरू साधना करना अपने विनाश को न्यौता देना है बिना गुरु आज्ञा साधना करने पर साधक पागल हो जाता है या म्रत्यु को प्राप्त करता है इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु आज्ञा ना करेँ ।

विशेष -

किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें

महायोगी  राजगुरु जी  《  अघोरी  रामजी  》

तंत्र मंत्र यंत्र ज्योतिष विज्ञान  अनुसंधान संस्थान

महाविद्या आश्रम (राजयोग पीठ )फॉउन्डेशन ट्रस्ट

(रजि.)

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